Ankita Ingle

Children Stories

5.0  

Ankita Ingle

Children Stories

नशा एक बुरी लत

नशा एक बुरी लत

3 mins
653


"पापा मेरा बर्थडे आ रहा हैं आप मुझे क्या गिफ्ट दोगे ? नीरव ने अपने पापा राज़ से पूछा।

अभी तक मैंने सोचा नहीं है, तुम ही बता दो क्या चाहिए तुम्हें ? राज ने कहा।

पापा मुझे मोबाइल चाहिए, नीरव ने कहा।

नहीं तुम्हें मोबाइल नहीं मिल सकता, अभी तुम छोटे हो, पहले 12वीं पास कर लो फिर ले दूंगा, राज़ ने कहा।

नीरव गुस्सा हो गय , पापा मेरे सारे दोस्तों के पास फ़ोन है, सिवाए मेरे, मैं 10वी में हूँ, कोई बच्चा नहीं हूँ, नीरव ने कहा।

इतने में ही ऋचा, नीरव की माँ आ गई, आप भी ना बेकार में इतना सोचते हो, बच्चा है ले दो, फ़ोन ही तो मांग रहा है। आज कल तो फ़ोन में बहुत सारी पढ़ाई की जानकारियां भी रहती है, बहुत अच्छी चीज मांग रहा है हमारा बेटा। अब राज़ क्या करता उसे भी मानना पड़ा और बस आ गया नीरव का फ़ोन, वो तो बस आसमान में उड़ने लगा।

कुछ दिनों बाद उसके एग्जाम हो गए और छुट्टियां शुरु। उसने कुछ दिनों बाद जिद करके वाई फाई भी लगवा लिया। अब तो उसके मज़े थे, दिन भर मोबाइल में बिजी रहता, न टी वी देखता, न दोस्तों से मिलने जाता, बस पूरा दिन अपने रूम में ही रहता। खाना भी रूम में ही खाता उसने जैसे दुनिया से नाता ही तोड़ लिया था।

कुछ दिन तो ऋचा को ये सब अच्छा लगा फिर जैसे जैसे उसने नीरव में बदलाव देख वो डर गई, उसने इस बारे में राज़ से बात की, उसके कहा तुम्हारी ही जिद थी ना अब भुगतो। ऋचा को रात भर नींद नही आई, कहीं उसका बेटा भी फ़ोन का आदि न हो जाए, पढ़ाई में पीछे ना हो जाये, उसने ठान लिया कि अब उसे ही उसके बेटे को इस नशे से बाहर निकालना है। जरूरी नहीं की नशा सिर्फ दारू या ड्रग्स का हो, किसी भी चीज़ की अति नशा ही कहलाती है और वो अपने बेटे की ज़िंदगी किसी नशे के कारण खराब नहीं कर सकती।

सुबह उठ कर सबसे पहले उसने वाई फाई कनेक्शन बंद करवाया, नीरव तो जैसे आग बबूला हो गया। उसने बहुत गुस्सा किया लेकिन ऋचा अपने फैसले पर अटल थी। फिर उसने नीरव का फ़ोन ले लिया और कहा तुम अभी इसके लायक नहीं हो, पहले बड़े हो जाओ कुछ बन जाओ फिर तुम्हें तुम्हारा मोबाइल मिलेगा। नीरव ने खुद को रूम में लॉक कर लिया और कहा जब तक उसे फ़ोन नही मिल जाता वो बाहर नही आएगा। ऋचा ने बहुत कोशिश की उसे मनाने की लेकिन वो नही माना, शाम को जब राज़ आये तब को खाना खाने बाहर आया लेकिन थोड़ा सा ही खा कर उठ गया। कुछ दिन यही चला, फिर ऋचा ने उसे समझना शुरू किया, उसके दोस्तों को घर बुलाया, उनके साथ नीरव को बाहर भेजना शुरू किया, खुद उसके साथ गार्डन जाना स्टार्ट किया, राज़ ओर ऋचा ने उसके साथ इंडोर गेम खेलना स्टार्ट किया, उसके लिए कुछ बुक्स लाई, उसे बिजी रखना स्टार्ट किया। कुछ ही दिनों में उसे फर्क साफ नजर आने लगा, नीरव अब पहले वाला नीरव बनने लगा था, उसने मोबाइल को बिल्कुल ही भुला दिया था, अब वो स्कूल जाने की तैयारी में लग गया था क्योंकि कुछ दिनों बाद स्कूल खुल रहा था। वो बहुत खुश था कि उसकी माँ ने उसे एक नशे का आदी होने से बचा लिया और उसे देख कर राज़ और ऋचा दोनों खुश थे, उन्हें अपना पहले वाला नीरव जो मिल गया था।


Rate this content
Log in