Akanksha Gupta

Children Stories

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Akanksha Gupta

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नन्हा जासूस

नन्हा जासूस

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तीन दिन से प्रतिभा के घर से छोटी मोटी चोरी हो रही थीं। कभी चम्मच तो कभी पेन का ढक्कन ही चोरी हो रहा था लेकिन प्रतिभा को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसी चोरी करके किसी को क्या मिलेगा? उसके घर में इस बात को लेकर तनाव भी चल रहा था।

कुछ दिनों बाद प्रतिभा के सात साल के बेटे ने घर की छोटी छोटी चीज़ों पर कुछ लगाया और घर के लोगों के साथ छुप गया। 

कुछ देर बाद सबको किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज आई। आवाज़ सुनकर सब लोग बाहर निकल आये। चोर को देखकर सभी लोग चौंक गए। चोर और कोई नहीं बल्कि प्रतिभा की छोटी बहन थी।

सब लोगों को देखते ही वो रोने लगी और वहाँ से चली गईं। प्रतिभा को अब भी यकीन नहीं हो रहा था कि उसकी छोटी बहन उसके ही घर में चोरी करेगी और वो भी इन छोटी छोटी चीज़ों की।

प्रतिभा ने अपने बेटे से पूछा तो उसने बताया कि उसने व्योमकेश बख्शी देखते हुए सीखा था कि हमें अपने आस पास आँखें कान खुली रखने चाहिए।

मैंने मौसी को चोरी करते हुए देख लिया था और फिर आज मैंने चीज़ों पर लाल मिर्च का पानी लगा दिया और मौसी के हाथ में चोट लगी हुई थी जिसकी वजह से उन्हें दर्द हुआ।


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