नाटी लड़की
नाटी लड़की
"अरे भैया ।इतना क्यूँ परेशान हो।क्या हुआ?" मैंने यासीन का अजीब सा चेहरा बना हुआ देखा।यासीन मेरा कजिन था।"अब बताओ भी क्या हुआ?" मैंने उसे घूरते हुए देखा।
"तुम तो जानती ही हो,मै सुमैया के लिये कितना परेशान हूँ। इस बार भी रिश्ता नहीं हुआ।लड़के वालों ने कहा लड़की की हाइट कम है।,और इन्कार कर दिया।बताओ रंग का कूछ मसला हो तो कुछ किया भी जा सकता है ।ब्यूटी पार्लर ले जाकर डेंटिंग पेंटिंग करवा देता।मोटापा का भी इलाज है।पर ये हाइट का क्या करूं मैं ? उँची सैंडल पहनाता हूँ रिश्ते वाले उतरवा देते हैं।"
मुझे उनकी बात सुन कर हँसी आ गई।मैंने कहा "बचपन में हमलोगों को बोर्न वीटा पिलाना चाहिए था ना।"
"तुम्हें माजाक सूझ रहा है?"
"भईया हमारी सुमैया कितनी पढ़ी लिखी और हुनर वाली है।रंग कितना सफेद है।संस्कार इतने अच्छे हैं।फिर आप इतने परेशान क्यूं हैं? कोई ना कोई जरूर होगा।जो उसके गुणो को देखेगा।बस वहां तक हम पहुँच नहीं पा रहे हैं.आपने मेरा नहीं देखा क्या।मेरी भी तो हाइट कम है।कैसे कैसे लड़कों ने मुझे रिजेक्ट किया था।अनपढ़ गंवार काले कलूटे ने जो खुद नाटा था।उसने भी मेरे अन्दर नाटे पन को देखा और ना कहा ।आखिर में मेरी शादी हुई ना।एक लम्बे और पढ़े लिखे और समझदार लड़के से।मेरे और मेरे पति की लम्बाई में ज़मीन आसमान का अंतर है, पर उन्होंने मेरी लम्बाई को नहीं मेरे दिल को और मेरी पढ़ाई देखी।मैं अपने पति के कन्धे से भी नीची हूं।पर हमदोनों में प्यार और एक दूसरे के लिए सम्मान है।अगर सब लम्बी लड़की ढूंढ़ेंगे तो हम जैसी लड़कियों का क्या होगा।पत्नी चाहिए या दिवार का बल्ब उतरवाना है।बीवी की हाइट कम हो पर दिल बड़ा होना चाहिए।जिसमें पति के साथ साथ उसकी फैमिली भी समा जाए। "