Dr Lalit Upadhyaya

Children Stories

4.1  

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मोटू पतलू को नेकी का मिला फल

मोटू पतलू को नेकी का मिला फल

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"मोटू, यार हम चालक होते हुए भी बेवकूफ क्यों बन जाते हैं।" पतलू यह बात कर बुहू, बुहू..कर रोने लगा। मोटू"-सही कहा पतलू,आज से हम बेवकूफी छोड़ कर समाज सेवा के काम कर लोगों का भला करेंगे..याहू......!!!" एक प्रचार गाड़ी पर भौंपू से आवाज आई--"सुनो,सुनो आपके शहर में नुमाइश मैदान पर सर्कस आया है जिसके शो आप देख सकते है।सर्कस में शेर,हाथी,बंदर,भालू, गोलू,मोलूव एक छोटा जोकर भी आया है।टिकट 50/, 75/, 100 है।समाज सेवा का प्रमाण पत्र देने वालो को दो व्यक्तियों के लिये फ्री में सर्कस देखने की छूट मिलेगी।

मोटू-"क्या बात है पतलू,हमने अभी थोड़ी देर पहले सोचा था समाज सेवा करेंगे भगवान ने तो उसके बदले सर्कस फ्री में दिखाने का काम कर दिया वाह.... हुर्रे.."

पतलू-"ज्यादा खुश मत हो,पहले कुछ समाज सेवा के काम कर लें तब प्रमाण पत्र मिलेगा और फिर फ्री वाला सर्कस देख पायेगा जानी।" उनकी बात जान,संपत, नम्बर 1 सुन रहे थे।इन तीनों ने मिलकर फिर छोटू पतलू को बेवकूफ बनाने की सोची।संपत ने नम्बर 1 से जोर से कहा ताकि मोटू पतलू भी सुन लें।संपत-नम्बर 1 कल हॉस्पिटल में रक्तदान शिविर है जो लोग रक्तदान करेंगे उन्हें सम्मान कर प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। यह बात मोटू-पतलू सुनकर उछल पड़े और बोले -वाह प्रभु ने सुन ली रक्तदान कर सेवा भी करेंगे उसके सम्मान में मिला प्रमाण पत्र हमें सर्कस भी फ्री में दिखा देगा।" मोटू बोला--"पतलू,हममें से एक रक्तदान कर देगा तो भी हम दोनों फ्री में सर्कस देख सकते है,क्यों ना तुम खून दे दो।"पतलू-"पर दोस्त मैं तो बहुत पतला हूँ, मेरे अंदर खून की कमी है,हो सकता है पतले होने से मेरा खून भी पतला हो।यार मोटू तुम मोटे हो खून भी तुम में ज्यादा होगा।"दोनों बहस करने लगे-तुम दो खून,तुम दो खून....वाद विवाद हो ही रहा था कि अचानक सामने से एक बुढ़िया अम्मा को बाइक सवार टक्कर मार गया,अम्मा टकराई व चक्कर खा कर बेहोश हो गयी,उसके सिर से खून भी बह रहा था।यह देखते ही मोटू पतलू में जैसे हनुमान की शक्ति आ गयी उन्होंने आव देखा ना ताव।।अम्मा को उठाया, ऑटो में बिठाया और ले आये हॉस्पिटल।डॉक्टर ने इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया और मोटू से कहा भाई जल्दी करो तुम्हारी अम्मा खतरे में है।सिर में चोट के कारण खून काफी बह गया है।खून लाओ,जल्दी चढवाओ।यह बात सुन कर मोटू व पास खड़ा पतलू सन्न हो गए। _आज किसी अनजान की जान बचाने का सेवा का मौका आया है।_ और दोनों डॉक्टर से बोले खून हमारा ले लो,अम्मा की जान बचा लो। दोनों ने बारी बारी से खून दिया ।ब्लड ग्रुप मिलाकर अम्मा को चढ़ाया गया।कुछ दिनों तक अनाथ अम्मा की सेवा की और वह ठीक हो गयी।अम्मा बोली- _"बेटा मेरे अपने बेटे से बढ़कर तुम हो। मुझे मेरा इकलौता बेटा वृद्धाश्रम छोड़ गया था।आज मैं रास्ता भटक गयी और यह एक्सीडेन्ट हो गया।"मोटू पतलू की आँखे आंसुओं से भर आई।बोले-"माई हमारी माँ भी इस दुनियां में नहीं है,माँ की ममता की कमी है।आप आज से हमारे साथ रहोगी।"यह बात अखबार की सुर्खियां बनी।सर्कस मालिक ने अखबार में पढ़ा और सर्कस देखने के लिए दो पास उनके पास भेजा।कहलवाया-"मोटू पतलू को किसी प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है,हमारे सर्कस की शर्त तुम्हारे रक्तदान व अम्मा के साथ किए सेवा कार्य से छोटी है।आप सर्कस देखकर हमें कृतार्थ करें,हमारे कलाकारों का उत्साहवर्धन करें।" सर्कस देखा,जोकर ने हंसाया,जानवरों ने करतब दिखाया।और शो के अंत में सभी कलाकारों ने मोटू पतलू को सम्मानित कर बड़ा दिल दिखाया। यह देख कर संपत, जान व नम्बर 1 भी खुश थे।नम्बर 1 बोला-"मैं तो केवल नाम का नम्बर 1 हूँ, मोटू पतलू तो सच में नम्बर 1 है।" सच ही कहा है कि नेकी का फल अनमोल होता है।


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