मोटू पतलू और रहीम चाचा
मोटू पतलू और रहीम चाचा
एक बार मोटू पतलू घूमते घूमते अपने शहर से दूर एक छोटे से गांव में आ जाते हैं। वहां के लोग बहुत अच्छे होते हैं । मेहमानों का आदर सत्कार करना अपना धर्म मानते हैं। वे लोग मोटू पतलू को देखते हैं तो उनका मान सम्मान करते हैं। मोटू पतलू बहुत खुश हो जाते है । मोटू उनसे कहता है उसे बड़े जोरों की भूख लगी है उसे समोसा खाना है । गावँ वाले मोटू की इस फरमाइश को पूरी कर देते हैं । वे उसे पेट भर के समोसा खिलाते हैं।
"आप लोग हमारे गांव में नए हो । चलो आप लोगों को रहीम चाचा से मिलाते हैं। वे बहुत ही पहुंचे हुए पीर बाबा है और पानी में ही बैठे रहते हैं।" इतना सुनते ही मोटू पतलू को भी उनसे मिलने की जिज्ञासा होती है। वे लोगों के साथ उस जगह पर पहुंच जाते हैं, जहां पर रहीम चाचा पानी में बैठे होते हैं ।
मोटू पतलू को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होता है ।पतलू मोटू से कहता है -" मोटू मुझे तो दाल में कुछ काला नजर आ रहा है! जरा सोचो पानी में कोई कैसे बैठ सकता है?" तो मोटू कहता है- "तुम बेवजह उन पर शक कर रहे हो ।" दोनों उनको दूर से ही सलाम करते हैं और चले जाते हैं। लेकिन पतलू को रात भर नींद नहीं आती । उसे यही बात सता रही होती है कि कोई पानी में कैसे बैठ सकता है? वह डूबे क्यों नहीं?
पतलू को लगता है उसे मोटू को ठीक से समझाना पड़ेगा और उन दोनों को मिलकर ही इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करना पड़ेगा । गांव के लोगों को यह लग रहा है कि वह कोई पहुंचे हुए पीर बाबा है , जो पानी में बैठे हैं। जबकि पतलू यह बात समझ जाता है कि वह एक स्विमिंग पूल है और स्विमिंग पूल के अंदर उन्होंने ऐसा कुछ रखा है जिस पर वह बैठ सकते हैं। लेकिन उन्हें इस बात की तह तक जाना पड़ेगा कि आखिर माजरा क्या है !
दूसरे दिन पतलू मोटू को पूरी बात बताता है और कहता है कि हम सच्चाई का पता लगा कर ही रहेंगे। लेकिन मोटू कहता है भैया खाली पेट मेरे दिमाग की बत्ती नहीं जलती । पतलू मोटू को ढेर सारे समोसे खिलाता है । फिर मोटू को एक तरकीब सूझती है।
रात को सभी के सो जाने के बाद मोटू चुपचाप रहीम चाचा के घर पर जाता है और स्विमिंग पूल में जाकर देखता है तो उसे पता चल जाता है कि रहीम चाचा ने वहां पर बैठने की व्यवस्था कर रखी है । नीचे एक बहुत बड़ा स्टैंड है इसमें कुर्सी फिट की हुई है । सभी के सामने वह पानी में चलते हुए आते हैं और उस कुर्सी पर बैठ जाते हैं । पानी में वह क्यों चल पाते हैं क्योंकि वहां पर सीढ़ियां लगी हुई है । वह यह सब कुछ पता करके मोटू स्विमिंग पुल से बाहर आकर छुप जाता है और सुबह होने का इंतजार करता है ।
सुबह रहीम चाचा सबके सामने सीढ़ियों पर चलकर आकर कुर्सी पर बैठ जाते हैं और लोगों को लगता है कि वह पानी में बैठे हैं । मोटू पहले से ही पानी में छुप कर बैठा होता है। सही मौका देखकर वह रहीम चाचा को कुर्सी पर से जोर से खींचता है । तो वो कुर्सी पर से नीचे गिर जाते है, और डूबने लगते हैं ।पानी ज्यादा गहरा नहीं होता है स्विमिंग पूल में इसलिए वह नहीं डूबते है।
लेकिन लोगों को पता चल जाता है कि यह बहरूपिया है और हमें बेवकूफ बना रहा था। पानी में गिरने की वजह से उसकी दाढ़ी भी निकल जाती है। तभी पतलू सभी से कहता है कि यह तो चोर जॉन है यह कोई रहीम चाचा नहीं है ! आप लोगों को इतने समय से ठग रहा था और फिर वे लोग पुलिस को बुलाते हैं। इंस्पेक्टर चीन्गम आते है और चोर जॉन को गिरफ्तार कर लेते हैं। सभी लोग मोटू पतलू की बड़ी तारीफ करते हैं और वे लोग उन्हें अपने कंधों पर बिठा लेते हैं। चोर जॉन को पकड़वाने की वजह से सरकार की तरफ से भी उन्हें इनाम मिलता है।