मेरी पहली विदेश यात्रा
मेरी पहली विदेश यात्रा
जब पहली बार विदेश यात्रा करनी थी तो मन में एक उत्सुकता और एक अजीब सा डर भी था कि हम कैसे घूमेंगे।
कैसे जाएंगे।
मगर हमने उस यात्रा को बहुत एंजॉय किया।
और जैसे ही ब्रुसेल्स एयरपोर्ट पर पहुंचे हमारा डर एकदम हवा हो गया। और हमने वहां की वातावरण को बहुत एंजॉय किया।
उसके बाद तो हम अकेले और परिवार के साथ बहुत ही घूमे डेढ़ महीने का वहां रहना और परिवार के साथ में घूमना मस्त मज़े से जिंदगी के यादों में यह सुनहरी यादें जुड़ गई। क्योंकि बेटा ब्रुसेल्स में था और उसने पूरा बेल्जियम और यूरोप घूम रखा था और पहले से सारा प्लानिंग था तो कोई तकलीफ नहीं हुई।
उसी में से एक यादगार दृष्टांत आपसे शेयर करना चाहूंगी
हमको जब किसी की छवि एकदम धीर गंभीर इंसान की हो।
और इंसान अचानक ही एकदम मस्ती भरा चुलबुलापन के साथ में सबके साथ मौज मस्ती करने लगे, तो अपन ऐसा ही कहेंगे ना इसका दिल बन के तितली दिल उड़ा रहा है।
क्योंकि हम सोच ही नहीं पाते हैं कि इतने धीर गंभीर रहने वाले इंसान ,भी कभी इतना दिल से जीते हैं।
ऐसा ही एक स्मरणीय यात्रा याद आ रही है हम लोग स्वीटजरलैंड में घूम रहे थे। बाय रोड गए थे।
वहां पर रास्ते में बहुत ही मनोहारी वातावरण था। ऊपर से रुई के गोले जैसे बर्फ पड़ रही थी। और वह सब जगह छा रही थी। पेड़ों पर भी बहुत बर्फ थी। मकानों पर भी बहुत बर्फ थी।
और हम जहां पर रुके रेस्ट करने को रास्ते में वहां पर बहुत सारे लकड़ी के लट्ठे पड़े हुए थे उन पर भी काफी बर्फ जमा थी ,एकदम रुई के जैसी। वहां पर रुक के हमने बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे पर फेंक कर के बहुत खेला। मैं दोनों बच्चों दामाद जी हम सब बहुत खेल रहे थे। तो क्या देखती हूं मेरे पति जो हमेशा काफी गंभीर और शांत रहते हैं भी हमारे साथ खेलने में बर्फ के गोले बनाकर एक दूसरे पर फेंकने लगे और बिल्कुल हमारे जैसे ही मजे करने लगे ऐसा लग रहा था, जैसे उनका बचपन लौट आया और गंभीरता का मुखौटा उतार कर एक नटखट बच्चा लौट आया।
जैसे उनका दिल तितली बनकर उड़ रहा है।
इतना खेले उसके बाद में हमने सब पूरी यात्रा में बहुत मजे करें। बहुत ही अंजॉय करा थैंक्स टू स्वीटजरलैंड यात्रा।
अब तो बच्चों के साथ भी बहुत खेलते हैं। और गंभीरता वाला मुखौटा खत्म हो गया है।
