STORYMIRROR

Saroj Garg

Children Stories

3  

Saroj Garg

Children Stories

*लघु कथा**रामखिलावन**27/9/24*रामखिलावन बड़े ब

*लघु कथा**रामखिलावन**27/9/24*रामखिलावन बड़े ब

1 min
4

*लघु कथा*

*रामखिलावन*

*27/9/24*


रामखिलावन बड़े बड़े सपने देखता था ,घर का नाम रामू था ।लेकिन रामू को बड़ा नाम ही पसंद था।सबसे मना करता पर कोई नही सुनता, रामू को पढ़ाई का बड़ा शौक था ,पर गाँव में न तो ऐसा स्कूल था न उसके पिता की ऐसी हैसियत थी ।

पिता उसको अपने खेत पर ले जाना चाहते थे।रामू स्कूल से आने के बाद खेत पर चला जाता था ।

रात में आकर पढ़ाई करता उसका स्वप्न था कलक्टर बनना ।पर रास्ता नजर नही आ रहा था।धीरे-धीरे समय निकलता गया ।मगर रामू अपना स्वप्न-पथ पूरा करना चाहता था। क्लास में अच्छे नम्बर से पास होता था ।दसवी क्लास मे बहुत अच्छे नम्बर से पास हुआ। प्रिंसीपल साहब को उसमें प्रबल इच्छा दिखाई देती थी ,नम्बर भी अच्छे आते थे।उनकी कोई अपनी औलाद नहीं थी इसलिए उसके पिता को बुलाया और उनसे कहा आपका बेटा बहुत होनहार है ,मैं चाहता हूँ कि इसको शहर के अच्छे कालेज में दाखिला दिलवा देना चाहिये ।पिता ने साफ मना कर दिया कि उसकी इतनी औकात नहीं है। प्रिंसीपल ने बिठाकर प्यार से समझाया कि खर्चा मैं दूँगा आप उसकी चिंता मत करो। ये जरूर बड़ा आदमी बनेगा ।पिता ने हाँ करदी  

  आनन -फानन में प्रिन्सिपल साहब ने उसका दाखिला अच्छे काल


Rate this content
Log in