Leena Jha

Others

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लाल काकी आ सनेश

लाल काकी आ सनेश

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लाल काकी भगवती घर सँ निकइल अपन कनियां के आवाज लगबय लगलीह।

 कनियां... ऐ कनियां.... कत्त छी?

कनियां चिन्मार सँ बाहर आइब कहलखिन्ह

मैऽ यै हम भानस बना रहल छियनि। हिनकर पुजा भऽ गेलन्हि?

लाल काकी असोरा पर राखल पीढ़ी लऽ बैसि गेलीह आ कहलखिन्ह...

हां कनियां भऽ गेल भगवती के पुजा।

खैनाई बनि गेल तऽ दऽ दिअ खाई लेल।बड्ड भूख लागल अइछ । काइल उपास रहय न ।

कनियां कनि दबल आवाज में कहय लगली..

मैऽ यै...तीमन आ दाइल रन्हां गेल छन्हि। भात के अधहन चढ़ल छन्हि चुल्हा पर। भात रन्हाइ में कने बेर लगतनि।

लाल काकी भुख सँ परेशान छलिह कहय लगलीह..

ऐते अबेर कियैक भऽ गेल भानस में।

कनियां के लगलन्हि जे कहीं साउस खिसिया नइ जाइथ ...कहय लगलीह..

ओ पोखरि बाली काकी आयल छलखिन्ह.. जखन ई पोखरि गेल छलखिन्ह नहाई लेल। 

लाल काकी के अपन ओ दियादनी एको रत्ती नइ सोहाइत छलखिन्ह। ओ सदिखन लाल काकी के पुतोहू के साउस के खिलाफ कान भरइत रहइ छलखिन्ह। ओ तऽ पुतोहूये एहन सोझ छन्हि जे हुनकरनकर बात पर कान नइ दैत छन्हि .. नइ तऽ पोखरि बाली काकी तऽ कहिया ने दुनू के भिन्न करबा देने रहितऽथिन ।

काकी के मन अनमना गेलन्हि ...अनमनैले मोन सँ पुतोहू सँ पुछलखिन्ह...

 ओ कथी लेल आयल छलीह भोरे भोर?

पुतोहु ...सनेश देबय आयल छलखिन्ह।

पुतोहु साउस के किछ बाजय सँ पहिनहे कहय लगलखिन...

भात बनबि में तऽ बेर छन्हि । तीमन संगे सनेश बला पुरी आ रन्हुआ दऽ दियनि। भात बाद में खा लिहइथ।

लाल काकी... आर कथि दऽ गेलीह ओकरा संग में।

पुतोहू.. सांच आ पिरुकिया छैन्ह।

लाल काकी ...हई हुनकर रन्हुआ कौनो खै जोगरक रहइ छई? छुछ कऽ पाइन में चाउर पका उपर सँ कने दुध टपका दइत छथिन्ह रंग उजर करबा लेल। चीनीयों नइ दइ छथिन जै लोक मीठे स्वाद लेल खा लेतई। खाली पइन छोह रहइ छैक ओ रन्हुआ।पूरीयो अगबे आंटा के रहइ छैक। दाइल त जैना छुआ कऽ हटा दइ छथिन्ह। 

पुतोहू अनमनैल ठाढ़ छलिह ।साउस के बात चुपचाप सुईन रहल छलिह । 

कनी बजला के बाद लाल काकी कहलखिन्ह..

लाऊ वैह दऽ दिअ ..भूख सँ पेट जड़ल जा रहल अइछ। संग में कनि अहगर कऽ दही आ चीनी दऽ दिअ। 

पुतोहू साउसक बात सुइन झट दऽ थारी लगा कऽ लऽ एलीह आ भनसाघर में चलि गेलीह।

दू दिन बाद पोखरि बाली काकी अगंना अबिते आवाज देलखिन्ह.... कनिय्य्यां...कत छी यै?

कनियां हुनकर आवाज सँ बुईझ गेलीह कि साउस गाम में ककरो सँ सनेश के खिधाउंस केली आ वैह सुइन काकी उलहन देबा लेल एली।

कनियां.....गोर लागई छियनि काकी... आबथु ने ..बइसथु।

पीढ़ी पर काकी के बइसा कनियां अपने हुनका सामने बइस गेलीह।

काकी... ऐं यै कनियां.. साउस नइ देखाईत छइथ?

कनियां... मैऽ गेल छथिन्ह गाछी दिस काकी।कौनो काज छलैन मैऽ सँ ?

काकी...काज कि रहत ..किछ गप्प सुनलहुं सैह पुछय चइल एलहुं।

काकी कनियां के किछ कहबा सँ पहिनेहे आगां गप्प कहय लगलीह।

अहाँ के साउस जे संउसे कहने फिरइ छथिअहाँ के साउस जे सगरो कहने घुरैत छथि जे हमर सनेश खराब छल..हमर रन्हुआ पनि सोह अइछ.. ओं यै कनिय्य्यां.. हमहूँ देखने छी सबटा.. आई ने पाइ भऽ गेल अइछ ..ओहो दिन छल जखन अहाँ के साउस साग के संग मकई के रोटी खाइत छलीह। ओ तँ धन् अहाँक घरबला ..बच्चा पिंजाब में खटई अइछ आ अहाँ के साउस बङका बङका गप्प कयने फिरइत छथि।

कनियां...काकी ..मैऽ के तऽ इहो जनिते छथिन्ह।किया हुनकर बात के मोन पर लऽ लइ छथिन्ह ई। ओ तऽ ओनहिते किछ बाईज दइ छथिन्ह।

काकी किछ कहितथि..ताबइत लाल काकी अंगना आइब गेलीह। दियादिनी के देखिते बुईझ गेलीह जे गंउवा सब आईग लगा देने अइछ। ओ पोखरि बाली काकी के देख कह लगलीह....बहिन यै ई एतय छथिन्ह.. हम तऽ हिनके अगंना सँ आबि रहल छियनि..

ओ कनियां के दिस देख कहय लगलीह..कनियां ..आहां काकी के चाह सरबत किछ पुछलियन नइ आ छुच्छे गप कऽ रहल छी...जाउ जल्दी सँ बहिन लेल सरबत बनौने आऊ... आ हं मीठ कने अहगर सँ देबइ..बहिन के मीठ बिशेष पसिन्न छैन।

लाल काकी के आवेस देखि पोखरि बाली काकी सब बात बिसइर गामक आन आन लोकक बात करय लगलीह। कनी काल बाद ओ कहलीह...लाल कनियां ..आब जै दिअ यै..बड्ड अबेर भऽ गेल ..अंगना में कनियां अउनाईत हेतइ कि मैऽ कतय चलि गेलीह। 

लाल काकी मोने मोन प्रसन्न भेलीह। बात सरबते में समटा गेल । मोन कने और आंनदित भऽ गेलनि...आवेश करय लगलीह..

कनी काल आर बइसथ ने बहिन.. दिन देखा तऽ आबई छथिन्ह ..ताहू पर सदैद जंका जल्दी केने रहइ छथिन्ह।मोन भइर गप्पो नइ होइत अइछ हिनका सँ।

ताही बीच अपन कनियां के कहय लगलखिन... कनियां ..काकी लेल पान लगा नेने ने आऊ..जा रहल छइथ काकी।

कनियां झट पान लगा कऽ लऽ ऐली आ काकी के पान दऽ गोर लाइग विदा केलीह।

काकी के अंगना सँ जाईते दुनू साउस पुतोहु एक दोसरा के मुंह देख कहय लगलीह... आई तऽ जान बांईच गेल ।


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