STORYMIRROR

Dr. Kusum Joshi

Others

4  

Dr. Kusum Joshi

Others

कुछ तो कहूं

कुछ तो कहूं

1 min
556


वासु जब भी कहीं जाने के लिये गाड़ी निकालता , उससे पहले पड़ोस के बूढ़े शर्मा अंकल अपने घर से बाहर निकल बड़बड़ाना शुरु कर देते -"आजकल के बेशर्म बच्चे ..शर्म ना हया , गाड़ी ऐसे चलायेगें जैसे हवाई जहाज उड़ा रहे हो..जब देखो जवानी का जोश चढ़ा रहता है , और भी बहुत कुछ हो हवा गया तो...

वासु कई बार जवाब देना चाहता,सोचता कि उसे कुछ तो कहना चाहिये, पर..मां पापा पड़ोसी अंकल की आवाज सुनते ही बाहर आ जाते और आंखों से चुपचाप बिना बोले जाने का इशारा करते ,और वह मन मार के रह जाता ,उसे मां पापा पर गुस्सा आता।

आज वासु को मौका मिल ही गया , "जैसे ही उसने कार निकाली , अंकल शुरु.....

उसने खचाक से कार रोकी , उतर कर शर्मा अंकल की ओर बढ़ना शुरू किया .. अंकल सहम के थोड़ा पीछे हटे..अब वो बड़बड़ाना भूल चुके थे,

वासु उनके पास जाकर कान में बुदबुदाया "अंकल मुझे तो जवानी का जोश चढ़ा रहता है, पर आप इस बुढ़ापे में क्यों इतने जोश में रहते है ..कहीं गुस्से में ..ब्लडप्रेशर..हार्ट अटैक.. कुछ भी ..शान्त रहें ,मेडिटेशन करें ..ओ के.. मैं आपका कभी नुकसान पहुंचाने की नही सोचता ,और बड़ी विजयी मुस्कान के साथ सूकून की गहरी सांस ले, अपनी कार में बैठ चल दिया .. शर्मा जी खामोश, हक्के बक्के वासु को जाते देखते रहे।


  


Rate this content
Log in