किन्नर...एक अद्भूत संसार

किन्नर...एक अद्भूत संसार

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फ्रेंड्स !! किन्नरों को आखिर किस किस्म के लड़कों की तलाश रहती है?? और जब ऐसा लड़का मिल जाता है तो किन्नर उसके शरीर के कौन से हिस्से को काट लेते है?? वो ऐसा क्यों करते है??


फ़्रेंड्स !!! क्या वजह है कि ट्रेन में अचानक से आपके सामने कोई किन्नर आता है और आपका हाथ झट से जेब में चला जाता है और आप एक नोट निकालकर उसे थमा देते हो...ताकि आपको उस हिजड़े / उस किन्नर की दुआ लग जाएँ... आखिर इतना असर क्यों है उनकी दुआओं में ??? चलिए आज ज़रा इन किन्नर / यानि की हिजड़ों की दुनिया की कुछ बाते की जाएँ!!


दोस्तों न चाहकर भी आम लोगों में किन्नरों को/ उनके जीवन को/ और उनके रहन-सहन को नज़दीक से जानने की तीव्र इच्छा बनी ही रहती हैं। एक बात आप पहले ये जान लें कि किन्नरों का वर्णन ग्रंथों में भी मिलता है। 


1. बड़ी हैरानी की बात है कि ज्योतिष के अनुसार वीर्य की अधिकता से पुरुष यानि लड़का पैदा होता है। रक्त यानि रज की अधिकता से लड़की पैदा होती है और अगर वीर्य और रज समान मात्रा में हो तो औलाद किन्नर यानि हिजड़ा पैदा होती है।


2. प्राचीन ग्रन्थों में भी किन्नरों का उल्लेख मिलता है। महाभारत में जब पांडव एक वर्ष का अज्ञात वास भोग रहे थे, उस दौरान अर्जुन एक वर्ष तक किन्नर ‘वृहन्नडा’ बनकर रहे थे।


3. पुरानी किताबों में भी इनका ज़िक़्र मिलता है कि किन्नर राजा-महाराजाओं के यहां नाचना-गाना करके अपनी रोज़ी-रोटी चलाते थे। ये बात गौरतलब है कि महाभारत में वृहन्नडा यानि अर्जुन ने उत्तरा को नृत्य और गायन की शिक्षा दी थी।


4. दोस्तो, हैरत की बात तो ये भी है कि उस नीली छतरी वाले ने इनकी ज़ुबान में गज़ब का असर दिया है जिसकी वजह से अक्सर इनकी दुआएं लोगों के लिए भाग्यशाली साबित होती रही है। माना जाता है कि किन्नर की दुआएं किसी भी व्यक्ति के बुरे वक़्त को दूर कर सकती है।


5. आपको बता दें एक मान्यता के मुताबिक ब्रह्माजी की छाया से किन्नरों की पैदाईश हुई है। एक अन्य मान्यता के अनुसार अरिष्टा और कश्यप ऋषि से किन्नरों की पैदाईश हुई है।


6. क्या आपको पता है पुरानी मान्यताओं के अनुसार शिखंडी को किन्नर ही माना जाता है? दोस्तो, ये शिखंडी ही थे जिनकी वजह से अर्जुन ने भीष्म को युद्ध में हरा दिया था।


7. दोस्तों, अगर आपका कुंडली आदि पे विश्वास है और यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह कमजोर है तो किसी किन्नर को हरे रंग की चूड़ियां व साडी दान करनी चाहिए। इससे आपको जबरदस्त फायदा हो सकता है।


8. दोस्तों, किन्नर समाज के अपने अलग अलग सिद्धांत और उसूल हैं इसमें किसी भी नए व्यक्ति को किन्नर समाज में शामिल करने के अपने अलग ही नियम है। इसके लिए कई रीती-रिवाज़ भी हैं, जिनका पालन किया जाता है। नए किन्नर को शामिल करने से पहले नाच-गाना और सामूहिक भोज होता है। ये बड़ा अनोखा दृश्य होता है।


9. आप ये बात जान लें फिलहाल हमारे देश में किन्नरों की चार देवियां हैं।


10. ज्योतिष की माने तो कुंडली में बुध, शनि, शुक्र और केतु के अशुभ योगों से व्यक्ति किन्नर या नपुंसक हो सकता है।


11. दोस्तों, आपको बता दे, जब किसी किन्नर की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार बहुत ही गुप्त तरीके से किया जाता है।


12. मृत किन्नर का चेहरा गैर किन्नर नहीं देख सकता क्योंकि ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से मरने वाला अगले जन्म में भी किन्नर ही पैदा होगा। किन्नर मुर्दे को जलाते नहीं बल्कि दफनाते है!


13. दोस्तो, हिजड़ों का जनाजा रात के वक़्त उठाया जाता है। शव यात्रा को उठाने से पहले जूतों-चप्पलों से पीटा जाता है। किन्नर के मरने के बाद पूरा हिजड़ा समुदाय एक हफ्ते तक भूखा रहता है।


14. किन्नर समुदाय में गुरू-शिष्य जैसी प्राचीन परम्परा आज भी बनी हुई है। किन्नर अपने आपको मंगल मुखी कहते हैं क्योंकि ये सिर्फ मांगलिक कार्यो में ही हिस्सा लेते हैं मातम में नहीं।


15. किन्नर समाज में मान्यता है कि मरने के बाद इस नर्क रूपी जीवन से छुटकारा मिल जाता है। इसीलिए मरने के बाद हम मातम नहीं.. खुशी मनाते है। ये लोग दान भी किया करते हैं ताकि उनका अगला जन्म किन्नर का न हो!!


16. आपको बता दें देश में हर साल किन्नरों की संख्या में 40-से 50 हजार की बढ़ोत्तरी होती है। लेकिन इनमें 90 फीसद ऐसे किन्नर होते हैं जिन्हें किन्नर बनाया जाता है जोकि जन्म से किन्नर नहीं होते। मज़े की बात ये भी है कि अब किन्नर बिरादरी में वो लोग भी शामिल होते चले गए जिनमें महिलाओं जैसे हावभाव और लड़कियों जैसे लक्षण होते है।


17. दोस्तो, एक बात बहुत ही गौर करने वाली है जोकि किन्नरों की दुनिया का एक खौफनाक सच है कि, यह समाज ऐसे लड़कों को ढूंढता रहता है जो खूबसूरत हो, जिसकी चाल-ढाल थोड़ी कोमल... नज़ाक़त वाली हो... जो बड़े - बडे ख्वाब देखता हो। जब ऐसे लड़के मिल जाते हैं तो यह समुदाय उससे नजदीकी बढ़ाता है और फिर समय आते ही उसे ‘बधिया’ कर दिया जाता है। बधिया, यानि शरीर का वो हिस्सा जिसके कटने के बाद पुरुष, नारी कहलाने लगता है।


18. क्या आप जानते है देश में मौजूद पचास लाख से भी ज्यादा किन्नरों को तीसरे दर्जे में शामिल कर लिया गया है। इस दर्ज़े के हक की लड़ाई को लड़ते हुए किन्नर बिरादरी को बरसों बरस बीत गए थे। आपकी जनकारी के लिए बता दे की 1871 से पहले भारत में किन्नरों को ट्रांसजेंडर का अधिकार मिला हुआ था। मगर 1871 में अंग्रेजों ने किन्नरों को क्रिमिनल ट्राइब्स यानी जरायमपेशा जनजाति की श्रेणी में डाल दिया था। बाद में जब आजाद हिंदुस्तान का नया संविधान बना तो 1951 में किन्नरों को क्रिमिनल ट्राइब्स से निकाल दिया गया था मगर तब भी उनका हक़ उनको नहीं मिला था।


19. दोस्तों, आपको पता ही होगा..सिंहस्थ में 13 अखाड़े शामिल होते हैं, लेकिन अब एक नया अखाड़ा और बन गया है। ये अखाड़ा है किन्नर अखाड़ा। जबकि किन्नर अखाड़े को लेकर अब तक कई विवाद होते रहे हैं। दोस्तो, किन्नर अखाड़े का मेन मक़सद किन्नरों को समाज में समानता का अधिकार दिलवाना है। यानि किन्नर समाज अपनी मौजूदा पहचान से और ऊपर उठना चाहते है।


20. गौर करने वाली बात ये भी है की, किन्नर अपने आराध्य देव अरावन से साल में एक बार शादी भी करते हैं। यह शादी सिर्फ एक दिन की होती है। अगले दिन अरावन देवता की मौत के साथ ही उनका वैवाहिक जीवन भी खत्म हो जाता है।


दोस्तो, कैसा लगा आपको किन्नरों का ये अनोखा संसार?? क्या किसी किन्नर की दुआ ने आपके जीवन की मुराद को पूरा किया है?? आपकी नज़र में किन्नर क्या एहमियत रखते है? क्या ये हमारे समाज का हिस्सा हैं या हम सबसे अलग?? इनके लिए हमें अपने समाज में क्या परिवर्तन करने चाहिए ?? आपके दिल में इनके लिए क्या सम्मान है ??


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