कबीला
कबीला
कबीला शब्द के कई अर्थ है ।कई लोगों का मानना है कि कबीला एक सगठन है। जैसे एक समाज की तरह है यह लोग वो होते जो जंगलो में रहते जिनका अपना कोई स्थान नही होता है, यह अशिक्षित होते है। यह एक देश की तरह एक जुट रहते है । यह पीढ़ी दर पीढ़ी अपना एक अलग ही समाज समूदाय बना लेते है। यह वास्तविक संसार से दूर रहते है । इनके अपने ही नियम कानून होते है । इन्हें आदिवासी भी कुछ हद तक कह सकते है। कबीला कोई जाति या धर्म नही है सही मायनों मे तो यह एक संगठन ही है । जो पौराणिक सस्कृति को जीवित रखा है । इस समुदाय मे एकता है यह एक दूसरे की मदद करते है। सही मायनों मे तो यह एक अच्छा सगंठन है। लेकिन दुनिया का नियम है कि व्यक्ति को समय के साथ बदलना आवश्यक है । लेकिन यह समुदाय उसी परम्पराओ का पालन करता है।
अर्चना कॉलेज में लेक्चरर थी। एक दिन उसको पता लगा कि उसकी मां को कैंसर हो गया है। हॉस्पिटल से बाहर निकल ही रही थी कि उससे एक लड़का टकराया । उसने देखा वह एकदम अलग ही तरह का था। जैसे कोई दूसरी दुनिया से आया है। मगर उसके चेहरे पर बड़ी चमक थी । लड़का गिर गया था तो उसने उसको उठाया और उस से माफी मांगी। उस लड़के ने उससे बोला आप यहां क्यों आए हैं। उसने बताया कि मैं मेरी मां के इलाज के लिए आई हूं। उनको कैंसर हुआ है। फिर उसने उस लड़के से बोला आप यहां के तो नहीं लगते हो, कहां से आए हो । उसने बताया मै कबीले में रहता हूं। कुछ सामान खत्म हो गया था वह लेने के लिए शहर आया । बाकी हमारे कबीले के लोग शहर में नहीं आते मगर मैं सरदार का बेटा हूं। इसीलिए यह मेरी जवाबदारी है।
अर्चना को उसके बारे में बहुत जिज्ञासा हुई जानने की। उसने उससे बोला आपका कबीला कहां है मैं आपके साथ में चल सकती हूं। वह लड़का तो एकदम खुश हो गया।
बोला चलिए तो वह अपनी मां को लेकर के उसके साथ कबीले में जाती है। लड़का अपने पिता से उसको मिलाता है। और अपनी भाषा में बताता है कि इसकी मां को कैंसर हुआ है । और यह अपना कबीला देखना चाहती है । उस कबीले में हिंदी बहुत कम लोग जानते थे। वह लड़का उसको अपना पूरा कबीला घुमाता है । एक जगह पर उसने देखा कि वहां कुछ इलाज भी हो रहे हैं जड़ी बूटियों से। अर्चना को बहुत उत्सुकता जागी । उसने उस लड़के से पूछा कि यहां क्या हो रहा है। उस लड़के ने बताया कि हमारे यहां पर कोई भी बीमार पड़ता है। कैसी भी बीमारी हो उसका इलाज यहां जड़ी बूटियों से होता है। मेरे पिताजी और दो तीन जनों कोऔर मिलाया कि यह इसके बहुत बड़े जानकार हैं । अगर आप चाहो तो आपकी मां का भी यहां इलाज किया जा सकता है। मगर शर्त यह है यह आपको यहां रहना पड़ेगा। कबीले के सभी नियम मानने पड़ेंगे।
अर्चना को नया नया प्रयोग करने का बहुत शौक था। उसने सोचा डॉक्टर ने थर्ड स्टेज का कैंसर मां को बताया है। यहां भी रह कर देख लेते हैं। थोड़े दिन में कुछ फर्क पड़ता है तो, नहीं तो यह लास्ट स्टेज तो है ही है । और वह बोली हम अपने घर जाकर कपड़े लेकर आते हैं और जरूरत का सामान लेकर आते हैं। और आप कह रहे हो तो 2 महीने हम यहीं रुक जाते हैं हम यहां के सारे नियम कानून मानेंगे। इस तरह वह अपनी मां को वापस लेकर आ जाती है। और 2 महीने उन लोगों के साथ रहती है ।वह देखती है कि औरतें पूरे दिन गपशप करती रहती हैं। पढ़ाई लिखाई से उनका दूर-दूर तक ताल्लुक नहीं है । वह उनको सफाई का और पढ़ाई का पाठ पढ़ाती है। और उनकी कला सिखती है वह सोचती है मैं भी इन लोगों के कुछ काम आ सकूं तो अच्छा है। तो वह उनकी कला की फोटोस बाहर विदेशों में भेज देती है । बाहर से लोग इस कला को बहुत पसंद करते हैं। तो वह उनको उत्साहित करके नए-नए कपड़ों के ऊपर कशीदाकारी और कलाकारी करने को बोलती है। और बताती है कि इससे उनको पैसे मिलेंगे। वह लोग भी खुश हो जाते हैं । उसके साथ थोड़ी थोड़ी हिंदी भी सीखने लगते हैं। टूटी फूटी हिंदी में बोलने भी लगते हैं।
इधर इसकी मां के इलाज से काफी सुधार होने लगता है, और इस तरह के 2 महीने बीत जाते हैं । तो उनको घर जाना होता है वापस उनके घर जाने से पहले दिन उनके वहां शादी का मेला लगता है। जिसमें कुंवारी लड़कियां और लड़के एक दूसरे को पसंद करके शादी के बंधन में बंधते हैं। लड़का अर्चना के पास आकर बोलता है मैं आपको बहुत पसंद करने लगा हूं। अगर आप भी शादी मेले में शरीक हो तो मुझे अच्छा लगेगा। अर्चना के मन में भी उसके लिए भावनाएं होती हैं। मगर उसको लगता है कबीले मेँ रहना बहुत मुश्किल काम है। तो वह उसको कहती है कि आपके कबीले में तो कबीले की लड़की से ही शादी करी जाती है, तो यह शादी कौन करने देगा । तब कबीले का सरदार उसको बोलता है आपने हमारे सभी के लिए इतना कुछ करा है। आपके साथ में हम छूट दे देते हैं कि आप कबीले में ना रह करके आपके शहर में रह सकते हैं। आपकी नौकरी चालू रख सकते हैं। बस मेरा बेटा आपके पास आता जाता रहेगा जब जरूरत पड़ेगी तब यहां आएगा। बाकी आपके साथ में वह रहेगा। अर्चना अपनी मां से इस बारे में बात करती है। उसकी मां मान जाती है क्योंकि वह ठीक हो गई होती है और वह सोचती है कि इन कबीले वालों के कारण ही मैं मरते-मरते बची हूं।
यह कबीले वाले लोग एकदम सीधे हैं। नियम कानून से चलो तो कोई प्रॉब्लम नहीं है । उन्होंने दो महीने हमको बहुत अच्छा रखा है। अगर कोई और होता तो 1 दिन में ही परेशान हो जाता ।उसकी मां बेटी को सहमति देती है और कबीले के सरदार से बात करती है कि मुझे आप की नियम और शर्त मंजूर है ।और मैं इन लोगों की शादी के लिए तैयार हूं। और दोनों की धूमधाम से ढोल नगाड़ों के साथ में शादी होती है।इस तरह कबीले में एक बहार की लड़की भी शामिल हो जाती है।
और समय के साथ वे सभी कबीले वालों को शिक्षित भी करती है और बाहर की दुनिया से भी मिलाती है। अब कबीले वाले अपनी कूप मंडूकता छोड़कर शहर के लोगों के साथ भी घुलने मिलने लगे बदलाव जिंदगी का नियम है जो बदलाव को मान लेता है वह सुखी हो जाता है और आगे बढ़ जाता है.
