अखबार में इस्तहार निकला अखबार में इस्तहार निकला
जैसे पतझड़ के पत्तें...लावारिश...नहीं– नहीं खाक होते हुए । जैसे पतझड़ के पत्तें...लावारिश...नहीं– नहीं खाक होते हुए ।
उतर कर जाते भी कहाँ ? मूसलाधार बारिश हो रही थी ! उतर कर जाते भी कहाँ ? मूसलाधार बारिश हो रही थी !
हर एक से हर एक मस्तूर होते हैं वीरानों के भी कई दस्तूर होते हैं । हर एक से हर एक मस्तूर होते हैं वीरानों के भी कई दस्तूर होते हैं ।
मेरे पैरो की यात्रा मानो रुक सी गयी l मेरे पैरो की यात्रा मानो रुक सी गयी l
बुनियाद मेरी कच्ची नहीं है इसको क्या गिराओगे जनाब। बुनियाद मेरी कच्ची नहीं है इसको क्या गिराओगे जनाब।