ज्वालामुखी पर फूल
ज्वालामुखी पर फूल
चौधरी साहब के घर पर आज बहुत हंसी मजाक ठहाके गूंज रहे थे। जिनकी आवाज घर के बाहर वालों को भी सुनाई दे रही थी। आज पड़ोसी सब लोग जिसने भी सुना है आश्चर्य में पड़ गए। ऐसा क्या हो गया जो आज इस घर से जहां से हमेशा गुस्सा ही बरसता है, हंसी ठहाके गूंज रहे हैं।
चौधरी साहब का गुस्सा हमेशा नाक पर रहता है जब देखो जब ज्वालामुखी के जैसे फट जाते
गुस्से में।
इस कारण दूसरा कोई बोलता ही नहीं और वही आवाजें आती रहती हैं। वहां आज इतनी शांति और हंसी खुशी कैसे ।चौधरी साहब इंसान तो बहुत अच्छे लेकिन उनकी एक बहुत ही खराब आदत जब भी गुस्सा करते तो इतना ज्यादा करते और बात बात पर गुस्सा करते , एकदम ज्वालामुखी जैसे फट पड़ते ।अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते ।
उस समय जो बोले उसकी शामत इस कारण उनकी पत्नी बच्चे यहां तक कि उनके मां-बाप भी उन से डरे डरे रहते थे।
ऐसे में आस पड़ोस वाले भी हमेशा थोड़ी दूरी बनाए रखते क्योंकि पता नहीं उनका गुस्सा कब फट निकले और किस जगह जरा सी बात पर गुस्सा हो जाए। कोई भी ऐसी नौबत आ नहीं नहीं देना चाहता था।मगर फिर भी चौधरी साहब ढूंढ लेते थे गुस्सा होने का कारण ।
कुछ नहीं तो जरा सा पानी भी नीचे गिरा हुआ हो तो गुस्सा, उनके खाने के अंदर थोड़ा ऊंचा नीचा हो तो गुस्सा। आस पड़ोसी ने किसी ने कुछ कह दिया तो गुस्सा ।
इसीलिए वे ज्वालामुखी साहब के नाम से ही मशहूर हो गए। ऐसे में आज उनके घर से इतनी हंसी खुशी ठहाके की आवाज आ रही है ऐसा जादू किसने कर दिया सब यही विचार कर रहे हैं।
हुआ यह कि उनके घर उनके
कोई रिश्तेदार अपनी दोनों बेटियों को लेकर परिवार सहित आए थे एक तो गोदी में थी दूसरी बेटी तीन-चार साल की थी काफी चुलबुली और हाजिर जवाब उसने सीधे जाकर चौधरी साहब की मूछें खींची। जोर जोर से हंसने लगे तरह-तरह के मुंह बनाने लगी
घरवाले तो एकदम डर गए यदि चौधरी साहब गुस्सा करेंगे। मगर चौधरी साहब का गुस्सा तो जैसे उसका मुंह देख कर के ही हवा हो गया और उसको को देख कर के वे भी जोर से हंसने लगे।
उनके साथ ही घर वाले सब बहुत जोर से हंस पड़े। और ठहाकों की आवाज बाहर तक जा रही थी। घर में सब लोग एक साथ इस तरह से जिंदगी में पहली बार हंसे होंगे। चौधरी साहब के पिता जी बोले आज तो ज्वालामुखी पर भी फूल खिल गए हैं क्या बात है और जोर जोर से हंसने लगे।
काश हमेशा ऐसा ही वातावरण रहे तो कितना अच्छा रहेगा।
चौधरी साहब भी खुलकर हंसे बोले "हां मैं कोशिश करूंगा कि मैं ज्यादा गुस्सा ना करूं पर आप सब मेरे से ना डरो और घर का वातावरण काफी हल्का हो जाता है।" सब लोग उस बच्ची को गोदी में उठा लेते हैं बहुत प्यार करते हैं बोलते हैं तूने एक ज्वालामुखी के पत्थर को भी पिघला दिया।सच बच्चे भगवान का रूप होते हैं उनकी निर्दोष मस्तियां कभी-कभी बहुत बड़े-बड़े काम कर देती हैं।