जंगल की प्रतियोगिता
जंगल की प्रतियोगिता
एक बार की बात है एक जंगल में एक अत्यंत ही अत्याचारी तथा कपटी वीर नाम का शेर रहता था । वह उस जंगल का राजा था । वह रोज सुबह जंगल में घूमने के लिए निकलता और जैसे ही उसे अवसर मिलता , वह आसपास के जानवरों पर टूट पड़ता और उन्हें रात्रि का भोजन बना लेता। वीर को सूरज नाम के चीते से घृणा थी। वह सोचता कि "मैं तो जंगल का राजा हूं ,लेकिन फिर भी वीर मुझसे ज़्यादा तेज दौड़ पाता है ।मुझे अपनी और सूरज की क्षमता परखने के लिए एक प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहिए ।"
अगले दिवस वीर ने राज सभा बुलाई। उसने आसमान सिर पर उठा लिया कि वह अवश्य सूरज को पराजित करेगा । उसने घोषित किया कि जो भी उसे दौड़ की प्रतियोगिता में पराजित करेगा, वह उसे 10,000 स्वर्ण मुद्राओं का पुरस्कार देगा । सूरज के मन में लालच का पेड़ उग चुका था । उसने तुरंत ही वीर का प्रस्ताव स्वीकार किया।
अगले दिन दोनों खिलाड़ी प्रतियोगिता के लिए प्रस्तुत हुए। दोनों ने कमर कस ली कि वह अपने प्रतिद्वंदी को अवश्य पराजित करेंगे । प्रतियोगिता का आरंभ हुआ। वीर ने बहुत हाथ-पैर मारे परंतु सूरज ही अंत में विजय हुआ। शेर को एहसास हुआ कि व्यर्थ ईर्षा से कुछ लाभ नहीं होता । अंत में ईर्षा को अपना दम तोड़ना ही पड़ा!
