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Anshu sharma

Children Stories

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Anshu sharma

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जिंदगी इम्तिहान लेती है

जिंदगी इम्तिहान लेती है

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 जिंदगी इम्तिहान लेती है।


क्यों रो रही है ?सानिया ने मौली से धीरे धीरे आवाज मे पूछा?मौली ने जोर से कहा ,"मैं क्यों रो रही हूं ?यह तू नहीं जानती ?"तू अस्पताल में है, और भगवान की कृपा से तू बच गई है। अगर तुझे कुछ हो जाता तो मैं कभी अपने को माफ नहीं कर पाती ।तेरी सबसे अच्छी सहेली होने का क्या फायदा ?जब मुझे यही नहीं पता कि तेरे मन में क्या चल रहा है ?अब थोड़ा बहुत ही ऐसे पता था की तू कहती थी की इस शादी मे वैसा नहीं जो मै चाहती थी। शिखर के साथ खुश नहीं है पर इससे ज्यादा कभी भी नहीं बताया तूने सानिया ।"


सानिया तू परेशानी बताती थी मैं सोचती थी, नयी शादी में समय लगता है,पर यह थोड़ी पता था कि तू आत्महत्या करने की कोशिश करेगी। तेरे घर वाले आते ही होंगे, मैने फोन कर दिया था मौली ने कहा।"

"क्यूँ किया मौली ? कितने परेशान होगें" सानिया उदासी मे बोली। "

चुप कर, दिमाग अब लगा रही है ,परेशान होगें।तब नहीं लगाया जब आत्महत्या करने लगी थी।अगर मैं सही वक्त पर पहुंच नहीं पाती तो क्या होता बोल सानिया?पर क्या ,तू उससे पहले मुझसे बात नहीं कर सकती थी? कि तू ऐसा करने जा रही है और ऊपर छत से कूद गई सोचा की तूने क्या किया है?" 


जिंदगी कोई खेल नहीं है जिसे इतनी आसानी से खेल लिया जाए ।एक परीक्षा है हर एक की जिंदगी में उतार-चढ़ाव आते हैं।" मौली गुस्से में बोले जा रही थी।सानिया तुझे पता है ये मेरी जिंदगी में भी आए ,जब मेरे पिता मुझे छोड़ कर चले गए और मेरी मां ने इतनी मुश्किल से मुझे पढ़ने के लिए भेजा ।पर हम घबराए नहीं और सुन आत्महत्या कायर करते हैं। सानिया पढ़े लिखी हो अगर तुमने आज यह कदम उठाया है तो तुम माफ करने के काबिल नहीं हो। पहले कि लोगों में उनके मां-बाप पर ससुराल वाले उनका साथ नहीं देते थे। बहुत बातों में इसलिए लडकी अकेली पड़ जाती थी। पढ़े-लिखे नहीं होने के कारण उनके पास कोई जरिया नहीं होता था कि वह अपनी जिंदगी गुजर-बसर कर ले।पर सानिया तू तो पढी़ लिखी है।अच्छा !वैसे क्या जरूरत पडी़ ,तुझे ये सब करने की?तेरी शादी तो एक अच्छे परिवार में हुई थी ना!तेरी शादी को आठ महीने हो गये। प्यार भी करता है पति तेरा। "

तभी सानिया बोली "नहीं करता,कुछ दिनों पहले मुझे पता चला कि शिखर.किसी और से शादी करना चाहते हैं।किसी और से!"

मौली चौंकी, "फिर तुझ से शादी क्यों की ?"

"माता पिता के दबाव में आकर" सानिया ने बताया।मुझे कहीं नहीं घुमाने ले जाते हैं न अच्छे से बात करते हैं । सास, ससुर को पता है शायद पर बात नहीं करते कुछ । ऐसी जिंदगी से क्या फायदा मौली ?"

"तू कैसी बातें कर रही है सानिया,

केवल एक पति ही पूरी जिंदगी को बांधे रखता है क्या ?अगर वह तुझे पसंद नहीं करता तो तू छोड़ छाड़ के घर क्यों नहीं आ गयी?

"मम्मी पापा ने कितनी मुश्किल से मेरी शादी करी है मौली तुझे पता है।समाज क्या कहेगा ?मैं उनको बिल्कुल परेशान नहीं कर सकती ।मैं घर वापस नहीं जा सकती मौली।"


 "मौली उन्हें जैसे ही,ये सब पता चलेगा मेरे बारे में कि मै ससुराल मे खुश नहीं,वह रो रो के मर जाएंगे।" सानिया ने रोते हुए कहा

"और जब उन्हें पता चलेगा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली तो तब नहीं मरेंगे तब भी तो जीते जी मर जाएंगे मौली गुस्से में बोली। 

पूरी जिंदगी उन्हें एक सवाल बनकर खड़ी हो जाएगी जो हर बात पर उन्हें परेशान करेगी।

 मैं तेरी बचपन की दोस्त हूं मुझे तो बताती सानिया!"

" पर तू कैसे आ गयी मौली मेरे घर, मुझे बचा लिया ? "

"भगवान का लाख लाख शुक्र कि मैं आज आफिस नहीं गयी थी तो सोचा तुझसे मिल आऊँ बहुत दिन हो गये। जैसे मैं टैक्सी से उतरी भीड़ देखी तभी जब तू ऊपर से छत से कूदी ही थी तब। मेरे साथ बहुत लोगों ने तेरी सहायता की जो एंबुलेंस तक पहुंच पाया और मैं यहां आई ।

भगवान की बड़ी कृपा जो सही समय पर पहुँची और तुझे कुछ नहीं हुआ सानिया।" "ओहो मौली! मैं क्यों बच गई ?" सानिया रोने लगी ।मम्मी ,पापा को क्या मुँह दिखाऊँगी?" "ये तो पहले सोचती कायर कहीं की!" मौली खूब गुस्से मे बोली। तभी सानिया के माता-पिता रोते हुए पहुंचे और बताया ससुराल वालों को फोन कर दिया है । मौली ने सबको सारी बातें बताई कि शिखर सानिया को पसंद नहीं करता है, सबके चेहरे पर गुस्सा झलक आया था ।सास ससुर भी सानिया के साथ नहीं रहते थे ।वो भी आ गये उन्होने कहा ,हमें भी नहीं पता था कि शिखर और सानिया में रोज झगड़े हो रहे हैं। 

शिखर भी तभी पहुंचा था। सब शिखर पर गुस्सा करने लगे। सानिया के पिता ने गुस्से में शर्ट का कालर पकडा और छोड़ दिया।शिखर ने बोला "मुझे माफ कर दिजिये। मेरे पास कोई रास्ता नहीं था क्योंकि मैं उसे पसंद नहीं करता हूं और मेरी शादी जबरदस्ती हुई।"

 सानिया के माता पिता ,शिखर के माता-पिता को कहने लगे ,"भाई साहब जब आपका लड़का शादी नहीं करना चाहता था तो आपने मेरी लड़की को क्यों कुएं में धकेल दिया ?"


"माफ किजिए भाई साहब " शिखर के पिता बोले, "वह लड़की दूसरी बिरादरी की थी। हमने सोचा था कि एक अच्छी लड़की से शादी हो जाएगी तो यह सुधर जाएगा और उसको भूल जाएगा।"

"उसको सुधारने के चक्कर में आपने मेरी लड़की की जिंदगी दांव पर लगा दी। मेरी बेटी की जिंदगी कोई खेल नहीं है भाई साहब" सानिया के पिता बोले।"अगर आपने ऐसा ना किया होता तो आज मेरी लड़की किसी अच्छे घर में खुशहाल जिंदगी जी रही होती ।"

आत्महत्या की कोशिश नहीं करती। इससे तीन जिंदगी बर्बाद हो गई। एक तो शिखर,एक वो लड़की जिससे शिखर शादी करना चाहता है और मेरी बेटी की। सानिया की मम्मी बोली "अच्छा है मौली, तू समय पर आ गई और सानिया को बचा लिया ,शुक्रिया बेटा मौली तू नहीं आती तो" रोने लगी

"गले लगाते हुए और आंटी क्यूँ नहीं आती मैं ?साथ निभाने का वादा जो है ।इसने ही नहीं निभाई दोस्ती। घर आने के बाद देखती हूँ तुझे सानिया, मौली ने शरारती अंदाज मे सानिया को देखा।

सानिया के पिता ने सानिया से कहा "ससुराल वालो की गलती तो है ही पर तेरी भी कुछ कम नहीं है, मां बाप अपनी बेटी को विदा तो करते हैं, पर दिल से कभी जुदा नहीं करते वह कभी नहीं चाहते कि उसकी बेटी दूसरे के घर में दुखी रहे। उसके लिए उसकी मायके के दरवाजे हमेशा खुले रहते हैं। वह जब चाहे सुख में,दुख में ,कभी भी अपने घर आ सकती है । तुझे इतना पढ़ाया लिखाया पर क्या इसीलिए तू जिंदगी को खेल समझ कर आत्महत्या कर ले?"

 "मैं बहुत दुखी हूं ।पढ़े लिखे होने का क्या फायदा सानिया? कितने सारे रास्ते थे !तू छोड़ कर आती ।दूसरी शादी हो सकती थी ।तू अपने पैरों पर खड़े होने के लिए आगे पढ़ाई कर सकती थी ।कोई नई नौकरी कर सकती थी ।तू ने आत्महत्या की कोशिश की और यह बस सोचा कि कितनी बदनामी होगी ?"मम्मी पापा की घर वापस आँऊगी तो ।इस बात से नहीं होगी कि लड़की इतनी डरपोक कायर है कि परिस्थितियों को झेल नहीं पाई ।

उतार-चढ़ाव आते हैं जिंदगी में पर इसका मतलब यह नहीं है कि तुम डर के मारे आत्महत्या की तरफ बढ़ जाओ।" मम्मी भी रोने लगी सानिया की। "एक बार तो फोन करके बताती कि ऐसा कुछ है ।हम दौड़े चले आते ,तुझे लेने के लिए ।जब भी फोन करो तो मैं बहुत खुश हूं। मैं बहुत सही हूं शिखर बहुत अच्छे से रखते हैं। सब झूठ बोलती रही। तब से और शिखर तुझे छोड़ने और लेने आते थे तब हमें बिल्कुल भी एहसास नहीं हुआ कि तुम दोनों के बीच इतना कुछ चल रहा है।

 भगवान की कृपा से तू बच गई है अब शिखर से तलाक लेकर एक नई जिंदगी की शुरुआत करो। और यह आत्महत्या जैसा शब्द अपनी डिक्शनरी से निकालकर फैक दो ।कायरता की निशानी है।" 

"जिंदगी एक परीक्षा है जिसमें हमेशा हमें सवालों को हल करना होता है एक बार नहीं हुआ तो दूसरी बार तैयारी करके वापस दो।"

"मुझे माफ कर दीजिए ,मम्मी पापा मैं डर गई थी मैंने सोचा पता नहीं आप लोग कैसे समाज को जवाब दे पाएंगे ?"

"और जब तू आत्महत्या कर लेती तब जवाब नहीं देते क्या? हम हम इतने डरपोक नहीं हैं। सानिया हम अपना आत्मविश्वास के साथ सबको कह सकते हैं कि हमारी लड़की अपना नया जीवन दोबारा शुरू करने की तैयारी में है। अपने घर की खुशहाली से ज्यादा समाज नहीं होता। शाम को घर चलना है" शिखर के पिता की तरफ देखते हुए सानिया के पिता ने कहा "हम जल्दी ही तलाक के कागज भिजवा देंगे।बस आप से रिश्ता जुड़ने का हमेशा दुख रहेगा। "

"एक घाव दिया है आप सबने । वो समय के साथ भर जायेगा।कोई दुसरी लड़की ये कदम ना उठाये आप शिखर की शादी उससे कर दीजिये।" शिखर पैरों मे गिर कर माफी माँगने लगा। "अंकल मुझे नही पता था ,ये आत्महत्या करने वाली है। मुझे माफ कर दो सानिया।"शिखर को सानिया ने कहा "माफ तो कभी नही कर पाऊँगी। 

मम्मी अब मै नयी शुरुआत करूँगी।" सानिया की मम्मी और पापा ने बाहोँ मे भर लिया। ।और बोले हाँ बेटी क्यूँ नही तुम्हारा घर तुम्हारा इंतजार कर रहा है।



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