#झुकाव_
#झुकाव_
"नीलम तुम्हे नही लगता कि तुम्हारे पापा का दिव्या की तरफ झुकाव ज्यादा है....तुम दोनो ही बेटियाँ हो तो दोनो के साथ एक सा व्यवहार करना चाहिये...!!!!"
"तुम भी कुछ भी बोलते हो शरद...ऐसा कुछ नही है हम पूरी तरह सक्षम है इसलिये बाकि कोई बात नही है....!!!"
दोनो की बातें कमरे के बाहर से जा रहे पापा के कान में पड़ी...तो उन्होने सोचा वैसे तो ऐसे बोलना अच्छा नही है पर समाधान करना भी जरूरी है बस यही सोचकर उन्होने....दरवाजा खटखटाया...!!!!
शरद ने दरवाजा खोला...पापा को देख चौंक भी गया...!!!!
पापा ने कहा "अभी जो तुम बात कर रहे थे वो गलती से मैंने सुन ली....मैं ये कहना चाहता हूँ कि दिव्या के प्रति मेरा झुकाव नही कह सकते हो...सच कहूँ तो वो उसकी जरूरत है जो मैने पूरी की है...अगर यही जरूरत नीलम की होती तो वो भी मैं पूरी करता...!!दिव्या तो आज ही मुझे बोल रही थी कि उसे शर्म आती है मुझसे ये सब लेने में और नीलम ने भी जो बात कही कि हम सक्षम है... तो दोनो बच्चियों के संस्कार एक से ही है और शरद जी आप दो बहनों के बीच झुकाव की दीवार खड़ी ना करें मेरे लिये मेरी दोनो बेटियाँ मेरे जिगर का टुकड़ा है...."
