जैसे को तैसा
जैसे को तैसा
बंदरों के आपस में फिर से झगड़े शुरू हो गए थे । गट्टू बंदर सभी बंदरों से शरारती था और शातिर भी। बंदरों के मुखिया जो बूढ़े बंदर थे उसे वह बेहद नापसंद करता।वह चाहता था कि बूढ़े बंदर को हटाकर इस गैंग का मुखिया मैं बन जाऊं तो मैं और सभी बंदर पर अपना हुकूमत जमा सकूं। उसने कई बार ऐसी कोशिश की मगर अपनी मुंह की खानी पड़ी।
लिली नाम की बंदर बूढ़े बंदर को बहुत पसंद करती । उसे इस बात का मालूम था कि गट्टू अगर सदस्य का मुखिया बन गया तो सभी बंदरों पर अपना हुकूमत जमाएगा और अपनी मनमानी करेगा। सभी का खाना खुद ही हजम कर जाएगा क्योंकि वह एक नंबर का पेटू था । वह दूसरे बंदरों से जोर जबस्ती से छीन कर खा लेता जो नहीं देता उससे बदला लेने की फिराक में रहता ।
एक दिन जब सभी सदस्य सो रहे थे तो गट्टू बंदर ने खाने में बेहोश होने वाली दवा को मिला दिया । गट्टू को दवाई मिलाते ही लिली बंदर देख ली । उसने उस समय कुछ नहीं कहा । सोचने लगी इसकी चोरी अभी पकड़ेंगे तो हमें ही चोर बना देगा।
और सारा इल्जाम मेरे ऊपर ही डाल देगा बोलेगा लिली ने ही खाना में दवाई मिला रही थी और मैंने इसे पकड़ लिया।
जब सभी बंदर खाना खाने के लिए बैठा तो गट्टू बंदर खाने से मना कर दिया उसने कहा मुझे नहीं खाना मेरा पेट खराब है वैसे मुझे भूख भी नहीं लगी है तुम लोग खा लो।सभी बंदरों ने सोचा पेटू बंदर रोज खाने के समय आगे लाइन में खड़ा रहता था और आज नखरे दिखा रहा है खाने से मना कर रहा है कहीं दाल में कुछ काला तो नहीं है।
लिली खाना लेकर गट्टू के पास गई लो गट्टू खा लो ज्यादा नहीं थोड़ी सी ही है ।
गट्टू जोर जोर से बोलने लगा - नहीं नहीं , मुझे नहीं खाना मुझे भूख नहीं है । तुम ही खा लो।
"बिना तुम्हारे खाए तो मैं भी नहीं खाऊंगी" लिली बोली।
"हां हां क्यों नहीं" बूढ़े बंदर ने बोला हम भी नहीं खाएंगे।
क्योंकि बुढ़े बंदर को लिली सब बातें बता दी थी कि कैसे गट्टू ने खाना में दवाई मिलाया है।बूढ़े बंदर की बातें को सुनकर सभी बंदरों ने खाने से मना कर दिया।
गट्टू ने सोचा यदि मैं नहीं खाऊंगा तो मेरी पोल खुल जाएगी और सब हमें ही दोषी मानेंगे क्यों ना थोड़ा सा खा लूं और कहीं दूर में जाकर सो जाएंगे ।
किसी को पता भी नहीं चलेगा यह सोचकर गट्टू खाने के लिए तैयार हो गया । खाना इतना स्वादिष्ट बना था कि गट्टू बहुत ज्यादा खा लिया ।खाते ही उसने कहा मैं अब सोने जा रहा हूं कोई मुझे मत जगाना नहीं तो अच्छा नहीं होगा और वह दौड़ कर कहीं दूसरे जगह सोने के लिए चला गया।
बुढ़े बंदर ने लिली से कहा अब इस खाने का क्या करें ?लिली बोली बेहोशी ही वाली दवाई मिलाई है ना मरेंगे थोड़ी आधे लोग अभी खा लेंगे आधे लोग बाद में जब उन लोगों को होश आ जाएगा । सभी बंदर सहमति में हां में हां मिलाई ।बूढ़े बंदर ने कहा पहले गट्टू बंदर का कुछ उपाय कर लेते हैं । अभी तक में तो वह बेहोश हो गया होगा ।सभी बंदरों ने वैसे ही खाना खाया जैसे लिली ने बताई ।
जब गट्टू बंदर को होश आया तो अपने को रस्सी में लटकता हुआ पेड़ पर पाया । उसके हाथ और पांव बंधे हुए थे । उसने सोचा अब हमारी पोल खुल चुकी है ।नीचे से सभी बंदर उसे पत्थर मारने लगे ।गट्टू बंदर ने कहा मुझे यहां से नीचे उतारो । अब मैं कभी ऐसा काम नहीं करूंगा ।मुझसे भूल हो गई ।बूढ़े बंदरों ने उसे माफ कर दिया तब से गट्टू बंदर के व्यवहार में अच्छाई आ गई । अब वह सभी बंदरों के साथ अच्छा व्यवहार करने लगा।
