जादूगर
जादूगर
एक शहर में एक जादूगर अपने जादू का शो करने आया।जब बच्चों को इसकी खबर मिली तो सब जादू देखने के लिए उत्सुक हो गए।सम्राट जादूगर के शो में दर्शकों की काफी भीड़ होने लगी।बच्चे बड़े सभी उनके जादू को देख आश्चर्य चकित हो जाते और ख़ूब मनोरंजन करते। पूरे शहर में उनके जादू की चर्चा होने लगी।
शहर के आसपास के क्षेत्र में भी सम्राट जादूगर के करामात और मनोरंजक जादू की चर्चा आग की तरह फैल गई।बच्चे स्कूल में भी उसके जादू की बात करते और सभी कौतूहल से सुनते थे।
पंकज नाम का एक लड़का भी अपने पिताजी से जादू देखने की जिद करने लगा। फिर पंकज के पिताजी सभी बच्चों को लेकर जादू दिखाने ले गये।बाहर से ही वह जगह भव्य दिखाई दे रही थी।साज सज्जा और बड़े बड़े पोस्टर देखकर बच्चों के मन में कई जिज्ञासा होने लगी ।वहाँ बहुत भीड़ थी,टिकट लेकर वे सभी अंदर गए।जादू का खेल हँसी मजाक से शुरू हुआ, सभी लोग तालियाँ बजाने लगे।फिर जादूगर ताश के जादू ,रुमाल से कबूतर निकालना ,और टोपी से गुलाब का फूल निकालकर दिखाए।
आज वह सबसे आखरी खेल दिखाने वाला था उसने पहले एक अपनी टोपी से एक बड़ा सा पक्षी निकाल कर दिखाया ,ख़ूब तालियाँ बजने लगी फिर उसके बाद उस पक्षी के जगह में एक सुंदर सी लड़की खड़ी हो गई, आश्चर्य से सबका मुँह खुला रह गया और तालियाँ बजती रही।सभी लोग आज बहुत मजा किये।
