Turn the Page, Turn the Life | A Writer’s Battle for Survival | Help Her Win
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Dr. Poonam Gujrani

Others

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Dr. Poonam Gujrani

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इंतजार

इंतजार

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"ये भावानाओं में बहना बंद करो मम्मी, ये रो कर किसे दिखा रही हो, मुझे बहलाने- फुसलाने की कोशिश मत करना, सब समझता हूं मैं, कोई दूध पीता बच्चा नहीं जो तुम्हारी बातों पर आँख मूंद कर विश्वास कर लूंगा, आपकी बहू से सारी राम कहानी सुनकर आ रहा हूं" बेटे ने तेज आवाज़ में कहा तो मां ने अपने होठ अपने ही दाँत से काट लिये।


"बिल्कुल सही कह रहा है तू, मैं भूल गई थी कि तू बड़ा हो गया है, तू दूध पीता बच्चा नहीं है, हां ये भी भूल गई थी कि अब मेरी भावनाओं की कोई कद्र नहीं है पर मत भूलना कि अगर भावनाएं न होती तो तेरा अस्तित्व भी नहीं होता...."। कहते हुए मां ने अपनी गीली आंखों को पोंछा और उठ खड़ी हुई ।


,"जा .... मुझे कुछ नहीं कहना ...आज से मेरी भावनाएं पत्थर हुई, अब ये बूढ़ी मां उस दिन का इंतजार करेगी कि वो दिन भी आये जब तुम्हें पत्थर बनाने वाला कोई आये...." कहते हुए मां कमरे से बाहर निकल गई।


अब बेटे की आँख छलछला आई थी। वो इंतजार कर रहा था कि मां मुड़कर देखे।



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