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Vijay Kumar parashar "साखी"

Children Stories

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Vijay Kumar parashar "साखी"

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हाथ काटनेवाला जिन्न

हाथ काटनेवाला जिन्न

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बहुत समय पहले अरब देश मे एक गरीब आदमी अली रहता था।वह बहुत गरीब था।साथ ही अनाथ भी था।उसको दो वक्त का खाना भी बड़ी मुश्किल से नसीब होता था।पर अली अपने ईमान का बहुत पक्का था।लोग उसकी बहुत तारीफ़ किया करते थे।अली के गांव के बाहर एक काली गुफ़ा थी।लोग कहते थे इसमें कोई जिन्न रहता है।सब उसे हाथ काटनेवाला जिन्न कहते थे।क्योंकि वह जिन्न एक शर्त रखता व पूरी न होने पर हाथ काट लेता था।साथ ही शर्त को बाहर नहीं कहने की धमकी देता था।यदि शर्त के बारे में किसी को बताया तो वह जान से मार देगा।शर्त पूरी करने पर सोने ईंटे देगा।पर आज दिन तक कोई वहां से सोने की ईंट तो छोड़ अपने हाथ भी सही सलामत लेकर नहीं आया था।कुछ समय बाद अली का निकाह हो गया।पहले ही उसका गुजारा मुश्किल से होता था अब अली को और अधिक मुसीबतों का सामना करने लगा।हरदिन उसकी हमराज उसको परेशान करती।समय निकलता गया।एकदिन तो उसकी पत्नी परेशान होकर कह दिया,हाय अल्ला ये में कहां फंस गई।उसने अपने सरताज को एकदिन गुस्से में कहा,आप काली गुफा में जाओ,वहां से ढेर सारा धन लाओ या फिर हाथ ही कटा आओ।पत्नी के तानो से परेशान होकर अली काली गुफा की और चल दिया।काली गुफा में जाते ही काला जिन्न प्रकट हुआ।वो अट्टहास करता हुआ बोला में तुम्हारे हां कहते ही सोने की ईंटे बरसाउंगा।ना कहते ही रुक जाऊंगा।

पर यह क्या अली ने एक ईंट आते ही ना कह दिया।वो एक ईंट ही पांच किलोग्राम की थी

जिन्न ने कहा "तुम्हें और सोने की ईंटे नहीं चाहिये।" अली ने कहा,"नहीं जिन्न बादशाह।मेरे परिवार व दुसरो की सेवा के लिये ये पर्याप्त है।इससे में अपने परिवार का सही ढंग से पालन पोषण करूँगा।साथ मे प्यासों के लिये प्याउँ लगाऊंगा,भूखों को खाना खिलाऊंगा।मुझ जैसे अनाथों का पालन पोषण करूँगा।" जिन्न उसकी निर्लोभी प्रवृति व सेवाभाव से बहुत खुश हुआ।उसे 5 सोने ईंटे और दी।अली खुशी खुशी अपने घर आ गया।यदि वह लोभ करता तो ईंटों के वजन से उसके हाथ जमीन को छू जाते।इससे जिन्न उसके हाथ शर्त के अनुसार काट लेता।


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