Kunda Shamkuwar

Abstract Others

2.5  

Kunda Shamkuwar

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गिलहरी

गिलहरी

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किसी शायर ने क्या खूब लिखा है:

"आज भी आदम की बेटी हंटरों की जद में है।

हर गिलहरी के बदन पर धारियाँ होगी जरूर!”


गिलहरी को भी पता है इन धारियों का। वह सब कुछ समझती है।

इसलिए वह मचलते हुए घूमती है और भागती रहती है कभी नजरें झुका कर तो कभी नजरें चुरा कर...


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