घमंडी का सिर नीचा
घमंडी का सिर नीचा
एक बार की बात है मधुबन में पशुओं के पक्षियों के बच्चे खेल रहे थे। तब छोटा कछुआ बहुत घमंड से छोटे खरगोश को चैलेंज करता है कि तू मेरे को नहीं हरा सकता।तब खरगोश सोचता है कि अगर मेरे एक पूर्वज इससे हार गए और वह रस्ते में पेड़ के नीचे सो गए।तो क्या हर कोई सोता ही रहेगा ।क्या अपनी भूल नहीं सुधारेंगे ।और उसको दुख भी होता है। उसके कछुए के घमंड पर और इतराने पर उसको गुस्सा भी बहुत आता है। आज इस कछुए को सबक सिखाने के लिए कुछ करना चाहिए चाहिए।
कछुए का बच्चा तो बार-बार उस छोटे खरगोश को रेस लगाने के लिए उकसा रहा था। उसको देख कर दूसरे बच्चे भी बोले हां हां रेस लगाओ। जो जीतेगा उसको इनाम देंगे । और जो हारेगा उस पर हम हसेंगे । अब तो खरगोश के मन की बात हो गई उसने सोचा इस बच्चे को इतना मजा चखाऊं की जिंदगी भर याद रखेगा।जंगल में प्रतियोगिता का माहौल बन जाता है। और वह दोनों जने एक पेड़ को निशान बनाकर कि जो सबसे पहले इस पेड़ पर आएगा, पूरे जंगल का चक्कर काट के। वह जीत जाएगा।
कछुए जी धीरे धीरे चल रहे हैं।और अपना रास्ता तय कर रहे हैं। मन में सोचते जा रहे हैं रेस तो में ही जीतूंगा। इस खरगोश के पूर्वज भी सो गए थे। यह भी सो ही जाने वाला है रास्ते में। वह एकदम आराम से चल रहा है। कि खरगोश सो जाएगा तो शाम को उठेगा। तब तक मैं पहुंच जाता हू धीरे धीरे चलते हुए शाम तक वह वापस पेड़ पर पहुंचता है। तो देखता है की खरगोश तो अपने दौड़ लगाकर वहां पहुंच गया है। यह देख कछुए के पैरों तले जमीन खिसक जाती है। वह एकदम शर्मिंदा हो जाता है कि मैं बड़ी-बड़ी बातें कर रहा था। और मैं तो हार गया।
वह सब से माफी मांगता है, कि मैं अब कभी खोटी खोटी शेखी नहीं बघारूगां। बुजुर्गों की बात से अपने आप को बड़ा मान कर घमंड नहीं करूंगा।
और अपने को सुधारने की कोशिश करूंगा। तुम मुझको दोस्त बना लो ।सब लोग आपस में सलाह करते हैं कि अगर यह सुधर गया है, तो इसको सबक तो मिल ही गया है। तो दोस्त बनाने में कोई बुराई नहीं है।
उधर वह खरगोश से पूछता है ,क्या तुम रस्ते में पेड़ के नीचे सोए नहीं। तुम्हारे पूर्वजों पेड़ के नीचे सोए थे । तभी तो हम जीत पाए थे ।
तो खरगोश का बच्चा हंसते हुए बोलता है बोलता है, दोस्त जमाना बदल गया है। सोच बदलो लक्ष्य बनाओ । और उसको तय करो। तभी तुम जमाने को हरा पाओगे। जो बीत गई सो बात गई। अब नई बात यह है कि मैंने जीत का लक्ष्य बनाया। मैं सोया नहीं और दौड़ता रहा। और मैंने पुरानी परंपरा को तोड़कर जीत की परंपरा बनाई ।सब लोग ताली बजाते हैं और खुश होते हैं.
