साहित्यसेवी सत्येन्द्र सिंह

Others

3.7  

साहित्यसेवी सत्येन्द्र सिंह

Others

एफ.डी.आई.

एफ.डी.आई.

1 min
129



सरकार बड़ी खुश थी

हर बीते रोज़ के साथ एफ.डी.आई. बढ़ रहा था

मीडिया में बढ़-चढ़ कर खबरें आ रही थीं

किन्तु वह खुश न हो पा रहा था

“पड़ोसी की गाय और एफ.डी.आई. कौन से कभी अपने होते हैं?” – उसे रह रहकर अपने पिताजी की बात याद आती रहती है


Rate this content
Log in