एक फौजी की कहानी
एक फौजी की कहानी
ये उन दिनों की बात है.. ये बात है १९३० की... गुजरात के एक छोटे सा गांव है लुणावाडा... इसमें मगनलाल ऐम भट्ट रहेते थे..
मगनलाल की कद,काठी बचपन से ही बढ़िया थी.. दस धोरण पास किया और एक दिन खेतों में गये हुए मात पिता घर वापस नहीं आये तो मगनलाल खेतों मे देखने गए, तो माता-पिता मृत पाए गये कोई जहरीली जानवर ने काट लिया था.
मगनलाल का मन संसार से उठ गया और वो देश की सेवा करने के लिए फोज में भरती हो गए और नेवी ( नौसेना ) में रहने लगे.. उन दिनों में फौज में भरती होने के लिए कोई इम्तिहान नहीं देना पड़ता था. उन दिनों ब्रिटिश साम्राज्य था.. कुछ वक्त बाद दूसरा विश्व युद्ध हुआ और मगनलाल नौसेना से युद्ध करते देश के लिए शहीद हो गये!
