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Vimla Jain

Others

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Vimla Jain

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दो बेटियों की बेबस मां

दो बेटियों की बेबस मां

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 कितनी मुश्किल होती है जब एक मां के जुड़वां बच्चे होते हैं। दोनों लड़कियां मगर घर वालों को लड़कियों को रखना मंजूर नहीं हो ऐसा ही एक मां के साथ हुआ उन्होंने उसको साफ साफ कह दिया कि अगर तुझे एक लड़की को रखना है तो रख एक को अनाथ आश्रम में दे देते हैं। हमको दो लड़कियां सांप के भारे जैसी नहीं चाहिए।

मां का दिल कैसे वो अपनी बेटी को अपनी बच्ची को अपने से दूर करने को मान सकता है। बहुत ही दबाव पड़ने पर उसने अपने पीहर फोन करा उसके भाई भाभी के कोई बच्चा नहीं था।उन्होंने बोला बच्ची को हम रख लेतेहैं।इसको अनाथ आश्रम में देने की कोई जरूरत नहीं है।इसका भार आपको उठाने की जरूरत नहीं है।आज से यह हमारी बच्ची हुई। हम गोद लेने की कार्यवाही शुरू कर देते हैं ।

मगर मांने मना करा उसके मन ऐसा था कि वह अपनी बच्ची को वापस ले आएगी बहुत मान मान मनोवल करके अपनी बच्ची को अपने पास ले आएगी।

 मगर उसके ससुराल वालों के तो लड़की चाहिए ही नहीं ऐसा रवैया रख कर के चल रहे थे। उधर उस लड़की को यह पता लग गया कि यह मेरे मां बाप नहीं है वह उनको उतना प्यार नहीं कर रही थी जितना करना चाहिए।

अपने मां-बाप नहीं समझ रही थी।मामा मामी ही समझ रही थी। बहुत समझाने की कोशिश करी गई मगर समझ नहीं पा रही थी ।उसको बार-बार अपने घर जाने की इच्छा होने से अपनी बात मनवाने के लिए धमकी दे रही थी। एक दिन वह अपनी मां बाप के घर चली गई वहां आपके साथ में अपना सा व्यवहार नहीं हुआ। उसको बहुत ठेस लगी उसको समझ में आ गया की मां पापा ने मेरे को अपने दिल से निकाल दिया है। इसीलिए मेरे साथ गैरों जैसा व्यवहार कर रहे हैं। मैं अपनी बहन के साथ रहने गई मगर बहन भी ज्यादा उसको तवज्जो नहीं दी। वह बहुत दुखी हो गई उसको लगा मैं तो अपने मां बाप के साथ रहने आई थी। मुझे अब यही रहना था। मगर यह तो मेरे से कोई सीधे मुंह बात भी नहीं करते। मां के सिवाय कोई भी बात नहीं करता है ।1 दिन उसकी बहन ने उससे बहुत झगड़ा करा और दादी ने उसको बोला तू अपने घर चली जा। उसने बोला मेरा घर तो यही है मैं यही रहूंगी। तब उसकी मां ने उसको समझाया बोला मैं तेरे को बहुत प्यार करना करती हूं।मगर इन लोगों की गलत सोच के कारण ही तेरे को मामा मामी के पास छोड़ा है। तू उन्हीं को अपने मां-बाप समझ और उनके पास रहने चली जा। बच्ची समझदार थी मामा मामी ने संस्कार भी बहुत अच्छे दिए थे पढ़ाई में भी अच्छी थी ।

उसको अपने मां-बाप का घर छोड़ते बहुत दुख हो रहा था। मगर फिर भी भारी मन से वह अपने मामा मामी के पास चली गई। ऐसे करते करते समय बीत गया दोनों बहनों में रात दिन का फर्क था ।जहां वह बहुत संस्कारी और होशियार थी।

वही उसकी बहन बहुत नकचढी फैशनेबल और अपने आप में रहने वाली थी।घर में मिलने वाले अत्याधिक प्यार के कारण और इकलौती होने के कारण बहुत ही बिगड़ेल और गुस्से वाली थी।पढ़ाई पूरी करने के बाद मामा के पास रहने वाली लड़की को बहुत अच्छी जॉब ऑफर हुआ और वह बैंक में ऑफिसर लग गई अब उसको  बहुत अच्छी पगार मिलने लगी।और तरक्की कर रही थी यह सब बात जब उसके दादी को और उसके पापा को पता लगी तो वे उसकी खुशामद करके उसको घर लाने की कोशिश करने लगे। पहले तो वो आने को तैयार नहीं हुई। फिर उसने सोचा एक दो महीना रह कर देख लेती हूं। अगर इनका व्यवहार बदल जाए तो वापस अपने मां बाप के घर रहने चली गई ।वहां सब लोग उससे बहुत अच्छे से पेश आ रहे थे। दादी तो बलायें लेते नहीं थकती थी।

ऐसे करते करते एक महीना हुआ 1 तारीख आई दादी ने बोला 1 तारीख आ गई है तेरे को तनख्वाह तो मिल गई होगी थोड़े पैसे तू तेरे पास रख और बाकी मेरे को दे दे घर खर्च में। वह एकदम चौंक गई।बोली मामी ने तो कभी मेरे से पैसे मांगे ही नहीं हमेशा मुझे अकाउंट में जमा करने को बोला और थोड़ा पैसा मैं मेरे पास रख कर सब अकाउंट में जमा करा देती थी। अब तो दादी को लगा इसके पास बहुत पैसा है। उसके पिता बोले तेरे अकाउंट में मेरा नाम डाल दें ।और मुझे पैसे की जरूरत है मुझे पैसे दे दे ।उसने मना कर दिया बोलीअगर आप इसीलिए मुझे घर लाए हैं तो मुझे नहीं रहना। यहां पर इतने दिनों तक मेरे मामा मामी ने मुझे रखा है पुत्री वत प्यार किया है मैं ही उनकी पुत्री नहीं बन पाई बस अब और नहीं अब मुझे आपके साथ नहीं रहना। तभी उसकी मां बोलती है बेटी तो अपने मामा मामी के पास जा वही तेरे मां-बाप हैं। यह लोग स्वार्थी हैं तेरे पैसे के कारण तेरे को अपने पास बुला रहे थे ।और वह अपनी बेटी को उसके घर आने से मना करती है।आज वह अपने मां बाप के घर से मायूस होकर और बहुत दुखी होकर अपनी मां की बात याद करते हुए आंसू बहाते हुए वापस अपने पालक मां बाप मामा मामी के पास जा रही है।

मैं उनको गोद लेने के लिए बोल दूंगी । अपने को उनकी बेटी बनाने के लिए बोल दूंगी।और मैं उनकी सही बेटी बनकर हमेशा उनका साथ दूंगी अब वही मेरे मां बाप है। यह सोच कर उसका मन थोड़ा शांत होता है।



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