चिकी की यादें

चिकी की यादें

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प्यारी बिटिया चिकी के नाम एक पाती:

हाय चिकी, कैसी है? तू क्यों बड़ी हो गयी! छोटी ही क्यों नहीं रही! याद है वो भयानक सपना जब तू गहरी नींद से हिचकियों से रोते-रोते उठ बैठी थी। मम्मी ने तुझे चिपकाकर अपने पास सुला लिया था लेकिन मैं नहीं चिपका सकता था क्योंकि तू बड़ी हो चुकी थी। कितनी जल्दी तू बड़ी हो गयी! मैं तेरे बचपन की बातें याद करने लगा था।

एक साल का होने पर तुझे ये पता पड़ गया था कि बर्थडे वह होता है जिस पर केक कटता है और ढेरों गिफ्ट्स मिलती हैं। प्रायः लड़के उदंडी होते हैं और लड़कियाँ भोली-भाली, सीदी-सादी, गाय जैसी हमारा ये भ्रम तूने ढाई साल में ही तोड़ दिया था। अनिका का दूसरा बर्थडे बड़े होटल में मनाया गया था तो तूने एक अलग कमरे में रखी गयी कुछ गिफ्ट्स के रैपर बंदर वाली गिफ्ट्स खोजने के लिए उत्सुकतावश फाड़ डाले थे। बहन के ससुरजी ने नाराज़ होकर तेरी शिकायत हमसे की थी। तेरे कारण भरी सभा मे हमे शर्मिंदा होना पड़ा था। मम्मी को बड़ा अपमानित लगा और मैंने तुझे होटल के हॉल से बाहर ले जा कर पहले तेरी अच्छी खबर ली और पूछा था कि "अब तो नहीं मांगेंगी!"ढीट जैसे तूने जवाब दिया कि "मांगूंगी" इस पर मैं और क्रोधित हो गया था कि अभी भी मांगेगी तब मम्मी ने ही तुझे बचाया था। याद है!

जब भी मम्मी की फॉरेन की लिपस्टिक तू चोरी-छुपे लगा लेती थी और उससे जमीन पर ए बी सी डी लिख देती थी तब देख लेने पर मम्मी की मार के डर से लाल लाल होंठ लिए "पापा" "पापा" पुकारते हुए तू सरपट भागती थी तो इस चूहे-बिल्ली की दौड़ में तुझे मेरी गोद में ही शरण मिलती थी। मैं तुझे बचाते हुए मम्मी को एक डायलॉग चेप दिया करता था "इस तक पहुँचने के लिए तुम्हें पहले मेरी लाश पर से गुजरना पड़ेगा।"

व्हिस्की के पेग को मम्मी द्वारा पापा की दवाई घोषित करना भी तब हमें महंगा पड़ गया था जब बुआ के ससुर जी द्वारा पेग तैयार करते समय तूने एलान कर दिया था कि "ये वाली दवाई हमारे पापा भी पीते हैं।"

ऐसा नहीं है कि हमेशा मैंने ही तुझे बचाया है। एक बार जब वैलेंटाइन डे पर बजरंगदल वालों ने हमारी बाइक को पीछे से कुँवारे प्रेमी समझकर घेर लिया था तब तू ही आगे से संकटमोचक प्रमाणपत्र बनकर उभरी थी और हमसे सौदा करते हुए कहा था "आज मेरी वजह से बचे हो आप दोनों चलो मुझे आइसक्रीम खिलाओ।"

मैं तेरी पुरानी बातें याद कर ही रहा था और मम्मी तुझ से लगातार पूछे जा रही थी कि सपने में क्या देखा। तूने रोते-रोते बताया था कि पापा को किसी ने गोली मार दी और तू बिस्तर पर लुढ़क कर मेरी बाहों में समा गई थी। कितने सालों बाद मैं वही स्पर्श सुख महसूस कर पा रहा था जो तेरे बचपन में करता था। रुला के गया सपना तो क्या हुआ तू मेरे पास तो आयी।

तू क्यों बड़ी हो गयी! चल फिर विडियो कॉल पर बात करेंगे।बाय।

पापा।


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