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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

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Sunil Gupta teacher

Children Stories Inspirational

चींटी

चींटी

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बच्चों आज हम चीटी की कहानी पढेंगे । चीटियाँ किस - किस ने देखी है । सब बच्चों ने एक साथ कहा हमने बच्चों चीटियाँ के बारे में और बताओ तो सारे बच्चे चुप । चलो कोई बात नहीं । चींटी पर्यावरणीय संतुलन के लिए हमारी सृष्टि में बहुत छोटा परन्तु बहुत ही उपयोगी जन्तु हैं।

चीटी की सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है । 

एक जगह कुछ शक्कर के दाने डालो फिर देखो वहाँ कुछ देर बाद चीटियाँ ही चीटियाँ आ जाती हैं ।

चीटियाँ यदि खान - पान में अपने उदर में चली जाएँ तो सीतंग रोग ( त्वचा पर चकते बनना व त्वचा फूलना ) आदि हो जाता है । अतः हमें सावधानीपूर्वक देखकर खानपान करना चाहिए ।

चीटियों की कई प्रजाति होती हैं काली , लाल , छोटी , बड़ी ।

चीटियों की एक पूरी की पूरी बस्ती होती है जिसमें नौकर , सैनिक , इंजीनियर व सभी प्रकार के वर्कर होते हैं । 

रानी चीटी अण्डे देती है व नौकर चीटी उनकी देखरेख करती है । चीटी मरे हुए जीवों को खाती है व कीट पतंगों को अपने बिलों में ले जाती है । • आश्चर्य की बात यह है कि चीटी अपने वजन से सौ गुना तक अधिक भार लेकर चल सकती है ।

यदि ढेर सारी चीटियाँ अण्डे लेकर एक जगह से दूसरी जगह जा रही हो तो पानी गिरने का अनुमान होता है ।

यदि चीटियाँ अपने मुख्य घर कार्यालय में झुण्ड के रूप में निकली हों तो वहाँ झुण्ड के पास एक उल्टा जूता या चप्पल रख देने चीटियाँ कुछ देर पश्चात वहाँ से गायब हो जाती हैं । 

शनि गृह की शान्ति के लिए चीटियों को मीठी चीज खिलाना चाहिए ।

 शिक्षायें या जानकारियाँ : 

( 1 ) चीटी का महत्व । 

( 2 ) चीटियों के बारे में ज्ञान ।

 ( 3 ) सीतंग रोग की जानकारी इत्यादि ।


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