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Sangeeta Agrawal

Others

4.1  

Sangeeta Agrawal

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" बूँद "

" बूँद "

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सागर से कुछ दूर एक छोटा सा बारिश के पानी से भरा हुआ ताल था। एक बार तेज हवा चली। एक बूँद तेज हवा के साथ बहती हुई सागर किनारे आ ठहर गयी। इतना बड़ा सागर देख घबराई अगर वह सागर में मिल गयी तो उसका तो अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। सागर ने बूँद को देखा और कहा "क्या सोच रही हो आ जाओ मेरे पास। तुम्हारा अस्तित्व खत्म नही होगा बल्कि तुम एक बड़ी लहर में परिवर्तित हो जाओगी और तुम्हारे इस नए अवतार को जमाना देखेगा "और वह बूँद सागर में मिल एक बड़ी लहर बन गयी ।



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