बत्ती गुल
बत्ती गुल
05 फ़रवरी 1996, कानपुर
ओओओओओ.....होहोहोहोहोहो......ऊऊऊऊऊलूलूलूलूलू......ईईईईईईईई......
लो हो गया इन शरारतीयों का हुजूम शुरू ! अब सब एक दूसरे को बंदरों की तरह पुकार छत पर धमाचौकड़ी मचाएंगे
'ए चिंटू....चिंटू...एये चिंटू...छत पे आ...'
'ऐ चिंटू...'
'चिंटू जाओ भई राघव पुकारे जा रहा है कब से..कान खा गया है चिल्ला चिल्ला के'
'ये बत्ती गुल होते ही कोलोनी के बच्चे ऐसे खुश होते हैं जैसे न जाने क्या ख़जाना मिल गया हो। '
'ओहो अब कहाँ गईं मोमबत्तियां...यहीं तो रखी थी....ये बत्ती भी खाना पकाते वक्त ही क्यूँ जाती है...अरे चिंटू के पापा..आओ ज़रा यहाँ...
'मअअअअअम्मीमीमीमी.....ऊं हूँ हूँ...ऊंऊंऊंऊंऊं......माआआआआआम्मीमीमीमी'
'अरे अब इसको क्या हो गया...काहे रो रहे हो चिंटू...आओ बाहर...ऐसे भी क्या डरपोक बनते हो...आओ..
'नअअअइइइई...मोमबत्ती लाओ यहाँ बाथरूम में...तभी बहार आऊंगा....
'अच्छा रुको...ढूंढ रही हूँ वो ही तो...रुको बेटा..'
जाअल्दी...प्लीज प्लीज् प्लीज..मम्मीमीमी..
'अरे चिंटू के पापा...यहाँ आइये ज़रा..नई मोमबत्तीओं का पैकेट कहाँ रखें हैं..मिल नहीं रहा'
'वहीं है टेबल के दराज़ में...ज़रा टटोलो..'
'आप आ जाएंगे तो कौनो पहाड़ टूटेगा? और अपने 12 साल के बहादुर बेटे को निकालो बाथरूम से..कबसे अन्दर से चिल्ला रहा है'
'सिमीईई...ए बिटिया....सिमी..तुम ठीक हो रूम में?' (रसोई से आवाज़ लगाती है)
'हाँ मम्मा...में दुलिया से ठेल रही थी...दुलिया अँधेरे में छो गयी...में उत्को लोली छुना रइ..
'शाबाश मेरी बेटी'
'हाँ तो मिली मोमबत्ती चिंटू के पापा?...लड़का वहां दहाड़ें मार रहा है तुम्हारा'
'ये लो...मिल गयी..तुम भी अपने बेटे से कम कहाँ हो देवीजी'
'अ हां ले आये...अब माचिस कहाँ गया...?'
'गैस के आसपास ही होगा...देखो वहीं होगा...'
'हाँ मिला..'
कच्च....कच्च....टिक...(माचिस जलाने की कोशिश करते हैं)
'ओहो'
कच्च....कच्च...कच्च...शीईईई....
'चलो अब ले जाओ एक मोमबत्ती अपने लाडले के कमरे में, मैं पकाती हूँ खाना..'
'मैं आ गया हूँ चिंटू...अब चीखो मत..ये लो मोमबत्ती...आहिस्ता से पकड़ो..आ जाओ बाहर...'
आ जाओ..चलो..(पापा बाथरूम के दरवाज़े पर खड़े हैं)
'पाआआपा..(पापा से लिपट जाता है)
'हाहाहाहा...शेर बेटे हो आप तो मेरे..
'..छोड़ो मुझे अब...जाओ राघव आवाज़ दे रहा है छत से
'मम्महम्म...पापा सीढियों तक मेरे साथ आओ न...मुझे वहां मोमबत्ती की रौशनी में भूत दिखता है..'
''हाहाहाहा...भूऊऊऊऊऊत..? पता है कहाँ छुपे होते हैं भूत अँधेरे में?'
'कहाँ पापा?'
'बाथरूम में'
'.....ऊं हूँ हूँ...ऊंऊंऊंऊंऊं...... पाआआपा...मैं मम्मी को बताऊंगा आप मुझे डरा रहे हो..'
'हाहाहा हाहाहा..'
'अरे क्यों डरा रहे हो बेचारे को...जाओ छोड़ आओ न सीढ़ियों तक'
'हाँ..हाँ...चलो आओ..धीरे धीरे चलना...किसी टेबल या कुर्सी से टकरा मत जाना...आओ'
'ओके पापा...आप हाथ मत छोडना..'
'आओ'
'ए राघव...रा घ व...मैं आ गया'
'अबे कहाँ था कबसे आवाज़ लगा रहे थे..देख पास की छत वाले नए अंकल आंटी का लड़का भी ऊपर है'
'हाँ यार...मेरे स्कूल में ही आया है वो...अमित है उसका नाम..'
'ओह, दोस्ती करेंगे उससे आज'
ए सुन ना...मैं छत कूद के आता हूँ उधर...तेरी छत पे ही कुछ खेलेंगे..
'चल आजा...जोर की छलांग मारना पर, नहीं तो जायेगा नीचे..'
'हेहे'
'धप्प!!' (निकर झाड़ता है)
हेहेहेहे..
'रघू तीर कमान ला ना अपना..जो कल लाया था तू मेले से..'
'अभी किसको तीर मारेगा तू अँधेरे में?'
'अपने मैथ्स टीचर के घर में फेकूंगा...ला तो सही..
'हेहेहे...हेहेहे..(ताली मारते हैं)
'पर तेरेको पता है, शहर में रेम्बो सर्कस आया है? अमित के पापा तो ले के भी गए थे उसे..
कहने लगा क्या मस्त सर्कस है...मज़ा आ गया उसको तो बड़ा..'
'क्या बात कर रहा है?'
'हाँ..और नहीं तो...! शेर नाचता है वहाँ...लड़की को लिटा के उसके दो टुकड़े कर देता है वो जादूगर...'
'अरे गज्जब..मैं भी बोलूँगा पापा से'
'हाँ..मैंने तो कह ही रखा है मेरे पापा को...वो तेरे पापा से बात करेंगे...दोनों साथ जायेंगे हम'
'हाँ हाँ...मज़ा ही आ जायेगा'
'मेरी मोमबत्ती तो छोटी हो गयी चिंटू..अच्छा...ये बता कि तू खुद को बहादुर मानता है क्या?'
'बिलकुल मानता हूँ, इतने अँधेरे में भी बिना मोमबत्ती के सीढ़ियाँ चढ़ के आया तुझसे मिलने, और बता इससे ज्यादा डेरिंगबाज़ कौन होगा?'
'अबे क्या बात कर्रा..गज्जब यार'
'और नी तो...अच्छा बता क्या करने को बोल रहा था तू'
'तो मैं ये बोल रहा था कि ये बुझती मोमबत्ती का मोम गिरा सकता है तू हाथ पे?'
'हाँ हाँ...ट्राय करते हैं..(लम्बी साँस लेके राघव से मोमबत्ती छीनता है)
' देख देख मोम निचे आ रहा है...अब टपकेगा मेरे हाथ पे...(राघव ध्यान से देखता है)
'ईईईईई...आ मम्मीईईईई...'
अबे बहोत जला क्या?
अबे हाँ...पागल...जला बहुत...आ शी...शी...(हाथ पे फूंक मारता है)
अब तू कर...देखते हैं तुझे कैसा लगता है
ला दे...(राघव मोमबत्ती लेता है)
आआआआआ...ईईई....जला...जला...
हेहेहेहे....आया मज़ा...
दोनों को निशान हो गया यार...मम्मी डांटेगी
अरे छोड़...देख लेंगे तब का तब
देख अमित टहल रहा है छत पे..बुलाएं क्या उसको?
हाँ आवाज़ देते हैं...देखते किसकी आवाज़ उस तक पहुँचती
पहले तू आवाज़ दे चिंटू
अ..मी...त.. अअअअअमीइइइत..(हांफता है)
अब तू दे
ओके.. अअअअमीइइइतततत...
अमित दूर की छत से हाथ हिलाता है
'इधर आ जाओ हमारी छत पे, आओगे?'
हाँआआआ....
अरे आ रहा है वो..(दोनों हाथ मिलाते हैं)
हेहेहेहे...अमित का फ़ोन नम्बर ले लेंगे..
मुझे बड़ा मज़ा आता है नंबर डायल करने में
'हां, मुझे उसके पापा का नाम पता है रघु...कल ना...टेलीफोन डायरेक्टरी में उसके पापा का नंबर ढूंढेंगे..'
'फिर सीधा फ़ोन करके खेलने के लिए बुलाएँगे'
'सही आईडिया यार चिंटू'
(अमित दो घरों की छतें कूद कर राघव के घर तक पहोंच जाता है)
'छप्प...'
अरे बाप रे ये क्या हुआ ?
अरे अमित तूने मेरी मम्मी के सुखाई हुई लाल मिर्च पर पैर दे दिया
'ओ नो'
हेहेहेहे (दोनों हँसते हैं)
अरे मेरी बबल गम कहाँ गईं ? (जेब टटोलता है)
मिली |
ये लो दोनों एक एक
थेंक्स (दोनों ले लेते हैं )
बूम बूम बूमर (चिंटू गुनगुनाता है )
'फू' (अमित बबल गम का मुंह से बबल बनाता है)
टप्प (होठों पर चिपक जाता है)
अरे रघू,अमित अब मेरा बबल देखो
'फू'............'टप्प'
अब मैं तुम दोनों से बड़ा बबल बनाउंगा
'फू'............'टप्प'
हेहेहेहेहेहे...
अमित तेरा मैथ्स का होमवोर्क हो गया क्या?
हाँ यार, अच्छा हुआ लाइट जाने के पहले ही कर लिया |
सुबह स्कूल बस में नोटबुक दे देना फिर मुझे, मैं कॉपी कर लूँगा फटाफट |
'ओ के'
अरे अमित, ये रघू है....राघव है इसका पूरा नाम, हम दोनों बहोत क्रिकेट खेलते हैं स्कूल के बाद |
'हम्म'
मुझे तो तुम्हारा नाम पता है अमित, मैंने ही तो तुमको बुलाया इतनी दूर से..आई एम राघव दि ग्रेट अंडरटेकर
हेहे..अंडरटेकर तो मेरा भी फेवरेट है यार
(दोनों हाथ मिलाते हैं )
'मेरा तो द रॉक, चिंटू द रॉक'
'मेरे पास उसके सात रेसलिंग कार्ड है (हवा में घूँसा चलाता है)'
'मेरे पास तीन'
'मेरे पास तो एक ही है'
(तीनो हवा में घूंसे चलाते हैं)
येयेयेये...धपाक...दिशूम...
'डबूक'
(टी वी की आवाजें सुनाई देने लगती हैं..छतों के पंखो की गडगडाहट के साथ खम्भों की ट्यूबलाईट चमचमा उठती है)
'धत्त तेरेइकी...आ गयी लाइट'
अरे चिंटू....अब आ जाओ निचे..खाना खा लो..
'आया मम्मी..'
'राघव'
'जी पापा...आता हूँ
'चलो मैं भी जाता हूँ
कल क्रिकेट खेलेंगे'
बा....ई....
बाआआआआआई
बाआआआआआआआआई..