STORYMIRROR

Dr Lalit Upadhyaya

Children Stories

3  

Dr Lalit Upadhyaya

Children Stories

भीम ने जंगल को बचाया

भीम ने जंगल को बचाया

3 mins
320

आज ढोलकपुर में टुनटुन मौसी खास तैयारियां कर रही है।पूरे गांव में की गलियों में उत्साह है।पता है ढोलू"---

"हाँ भोलु बताओ,"

"आज भीम के घर द्वार पर बड़ी रौनक है।चलो, कालिया उस्ताद से पूछते है ---क्या है भीम के घर आज खास।"तेज चाल चलते हुए ढोलू-भोलू पहुंचे कालिया के पास। उस्ताद ,उस्ताद ढोलू-भोलू ने आवाज लगाई।

"क्या है ढोलू-भोलू ,आज तुम दोनों बड़े उछल रहे हो-"कालिया ने कहा।

"भोलू-उस्ताद,ढोलकपुर की भीम की गली में बड़ी सजावट हो रही है,टुनटुन मौसी भी बड़े बड़े लड्डू बनाते हुए गुन गुना रही थी।टुनटुन मौसी गा रही थी-' काजू किशमिश बादाम डाल के बना लूं मैं लड्डू,खा के जिनको उंगलियां चाटें बच्चे और दददू।"

" चलो जग्गू(बंदर)से पूछे उसे जरूर पता होगा वो भीम का पक्का दोस्त है। जंगल की ओर पेड़ पर उछल कूद कर रहे हैं"

जग्गू ने कालिया,ढोलू-भोलू को आते देखा तो सतर्क हो गया।कालिया ने जग्गू से भीम की गली की सजावट का कारण पूछा।ना ना करते आखिर जग्गू के मुंह से निकल गया-"आज दिल के रंगीन,खाने की मशीन हमारे भीम का जन्मदिन है,टुनटुन मौसी लड्डू बना रही है। चलो चुटकी,राजू,इंदुमति को लेकर भीम के घर चलें।" भीम भी जन्मदिन पार्टी की तैयारी में अपनी माँ व बहन का काम में हाथ बंटा रहा था।

"अरे, तुम सब आ गए"-भीम खुशी से बोला।तभी कीचक हांपता हुआ आया और बोला-"भीम ,भीम सुनो,जंगल में शहर से कुछ लोग आकर जंगल के पेड़ काटकर फैक्ट्री लगाने की बात कर रहे हैं।उनके पास बड़े बड़े पेड़ काटने की मशीन भी है।यह तो ढोलकपुर की प्राकृतिक सुंदरता को खत्म कर देंगे।अगर फैक्ट्री बन गई तो हम सब रोज वहां जंगल के मैदान में खेल भी नहीं पाएंगे।"

भीम बोला-"चलो, हम चलते है,अपने जंगल को बचाते है।यह सभी ढोलकपुर के दुश्मन है।"

चुटकी बोली-"दुश्मन बच के ना जाए भीम ऐसी शक्ति दिखाए--चलो भीम।"जंगल का आज नजारा कुछ अलग था। डाकू मंगल सिंह का चेला लाका वहीं खड़ा था।शहरी लोग कह रहे थे जंगल कट जाएगा,फैक्ट्री का भवन बन जायेगा।गांव में रोजगार बढ़ेगा, राजा इंद्र वर्मा भी ना नहीं करेगा।बात उनकी सुन कर भीम दंग रह गया। पीछे से आवाज आई,टुनटुन मौसी लड्डू लाई।लड्डू खा कर भीम ने ली अंगडाई,राजू ने तान लगाई,ना हारा है,ना हारेगा,सबको ये सुधारेगा। भीम ने शहरी लोगों से कहा "लाका की बात में मत आओ,जंगल से हम है,इनको बचाओ।"

लाका बोला-"भीम,जंगल कटेगा,ढोलकपुर तभी आगे बढ़ेगा।"भीम को गुस्सा आया,अब तो कालिया भी फुस्सफुसाया-

"ढोलकपुर की हरियाली पर है हमको नाज,जाना होगा वापस तुमको आज।"

चुटकी बोली-"भीम की शक्ति धूम मचाए, सामने कोई टिक ना पाए। भीम ने लाका व उन लोगों पर किया प्रहार,दुमदबा कर भागे वो यार।"

भीम ने कहा-"पेड़ करते हैं धरती माँ का श्रृंगार,यह है हमारे जीवन का आधार।"राजा को जंगल बचाने के लिए भीम की शक्ति का पता चला,वे भी बोले-"भीम है कितना भला।आज हम राज दरबार में उसको बुलाते हैं,जन्मदिन भीम का यहीं मनाते हैं।"टुनटुन मौसी के लड्डू ने दिखाया था वो असर,जब जंगल से भागे थे शहरी लोग और अफसर। पेड़ नहीं कटने देंगे,जीवन नहीं मरने देंगे।जंगल बचाने के लिए ढोलकपुर में भीम का जन्मदिन पर भव्य सम्मान हुआ।


Rate this content
Log in