बेटी तरीके घर में आखिरी रात
बेटी तरीके घर में आखिरी रात
रात का समय सब अपनी सोने की तैयारी में लगे हैं। विम्मी अपनी मां को आवाज लगाती है "मां होना थोड़ी देर मेरे पास बैठो। कल तो मैं पराई हो जाऊंगी कल तो मैं मेहता से परमार हो जाऊंगी। आज की रात को मुझे आपके साथ ही आपकी गोदी में सो कर बितानी है। आपके मुंह से वह लोरी सुननी है जो आप हमेशा मुझ को सुनाते थे। आओ ना मेरे पास बैठो।"
मां बोलती है "शादी का घर है इतने मेहमान आए हैं ।सब की देख-रेख करनी है बहुत काम है अभी मैं नहीं आ सकती।" फिर मुडी और पिता और भाई को लेकर पास में आकर बैठ गई आंखों में आंसू थे पर मनमें हर्ष मिलाजुला एहसास। क्योंकि उनकी बिटिया कल विदा हो रही थी साथ में एक दुख भी था कि उनकी बिटिया अब ससुराल जा रही है।
यह उसकी आखिरी रात है बेटी तरीके सब लोग घर में अपने आप में मगन है। मगर विम्मी की मां, पापा और भाई तीनों आंखों में आंसू और दिल में हर्ष और दर्द का मिलाजुला एहसास लिए पूरी रात उसके पास बैठे रहते हैं ।
बातें करते हैं गाने थोड़ी हंसी की पुरानी , और इसी तरह उसकी मां-बाप की के भाई के साथ बताई गई आखिरी रात के सुनहरी यादें दिल में संजोय दूसरे दिन सुबह में उसकी शादी हो कर वह अपने पति संग और ससुराल वालों से पियर से ससुराल के लिए विदा हो जाती है ।बैकग्राउंड में गाना बज रहा है बाबुल मोरा नेहर छुटियों ही जाए और खुद भी रोते हुए और पीछे घर वालों को भी आंसुओं में डुबोकर ससुराल के लिए रवाना हो जाती है।
