"बच्चों का मनोरंजन"
"बच्चों का मनोरंजन"
मेरे गांव के प्राथमिक पाठशाला में बच्चों का मनोरंजन कक्ष पार्क है।
बच्चे पारम्परिक स्टाइल के खिलौने से ख़ुश नहीं हैं।
आज कल के बच्चेे स्मार्ट फ़ोन मोबाइल पर पबजी
गेम्सअन्य बच्चों केआनलाईन कार्टून इत्यादि
देखना पसंद करते हैं।
बच्चों के पार्क में फिसलन पट्टी झूले इत्यादि
पर खेलने काआकर्षक खत्म हो चुका है।
बच्चों के खेल के मैदान भी खाली पड़े रहते हैं।
बच्चें पारम्परिक स्टाइल के मनोरंजन से उब चुके हैं।
नये जमाने के खेलों में रूचि रखते हैं।
बच्चों को मोबाइल फोन कि ग़लत लत लग गई हैं।
यह बच्चों के भविष्य एवं स्वास्थ्य के लिए घातक है।
मानसिक एवं शारीरिक विकास में भी बाधक हैं।
बच्चों को इसके नुकसान को बताया जाना चाहिए।
पारम्परिक स्टाइल के मनोरंजन के संसाधनों को बढ़ावा देने किआवश्यकता हैं।