Tr Shama Parveen

Children Stories Inspirational

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Tr Shama Parveen

Children Stories Inspirational

बाल कहानी-वियोग की पीड़ा

बाल कहानी-वियोग की पीड़ा

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सोनू और मोनू आपस में बात करते हैं।

सोनू-"आज स्कूल में बहुत मजा आया।"

मोनू-"हाँ! मुझे भी आज बहुत अच्छा लगा। मेरा सब काम भी पूरा हो गया।बस! घर पहुँचकर थोड़ा अभ्यास करना है।"

सोनू-"ये पेड़ पर चीं-चीं की आवाज़ कैसी आ रही है?"

मोनू-"चलो! पास जाकर देखते हैं।"

सोनू-"कितनी खूबसूरत छोटी सी दो चिड़ियाँ हैं!"

मोनू-"हाँ दोस्त! बहुत प्यारी-सी हैं ये दोनों। लगता है, चिड़िया कहीं गयी है। ये अभी छोटी है, इसलिए घोंसले में है।"

सोनू-"मैं एक ले लेता हूँ ,खूब प्यार से पालूँगा और इसका अच्छा सा नाम रखूँगा।"

मोनू-"दो हैं, एक तुम ले लो और एक मैं ले लेता हूँ और जल्दी चलो, कहीं इसकी अम्मी ना आ जाये, मतलब बड़ी चिड़िया।"

सोनू-"हाँ दोस्त! जल्दी चलो।"

दोनों चिड़िया के दोनों बच्चों को लेकर चलते हैं,तभी उन्हें किसी औरत के रोने की आवाज सुनाई देती है।

मोनू-"ये आन्टी रो क्यूँ रही हैं?भीड़ भी बहुत लगी है।"

सोनू-आन्टी! आप रो क्यूँ रही हैं?"

आन्टी-"मेरा बेटा पप्पू यहाँ सो रहा था। मैनें सोचा, कि तब तक जल्दी से बाजार से सब्जी ले आती हूँ। मैं सब्जी लेने बाजार गयी थी, जब वापस आयी तो वो घर में नहीं था,मात्र दो साल का है। अब मैं कहाँ ढूँढूँ।"

यह कहते-कहते आन्टी बेहोश हो गयी। सब लोग परेशान हो गये।

सोनू-"दोस्त! हम लोग गलत कर रहे हैं। माँ तो माँ होती है। इस चिड़िया की माँ भी बहुत रोयेगी, जब वो अपने बच्चे को नहीं पायेगी।"

मोनू-"अभी देर नहीं हुई है, चल जल्दी! इससे पहले कि देर हो जाये, हमें कोई हक़ नहीं किसी को तकलीफ़ देने का,अगर चिड़िया को बच्चा नहीं मिला वो बहुत परेशान हो जायेगी।"

सोनू-"भगवान का शुक्रिया दोस्त! घोंसले में कोई नहीं है। इसका मतलब चिड़िया अभी नहीं आयी है। दोनों छोटी चिड़ियाँ भी देखो घोंसले में पहुँचते ही चीं-चीं करने लगी।"

मोनू-"वो देखो, चिड़िया आ रही है।"

सोनू-"इसलिए बच्चे ज्यादा चीं- चीं कर रहे हैं और देखो गोदी में अपनी माँ के चिपके जा रहे हैं। अब चलो दोस्त! आज बहुत बड़ा पाप करने से हम दोनों बच गये।"


*शिक्षा*

स्वतंत्रता में ही व्यक्तित्व के फूल खिलते हैं।बंधन हमेशा कष्टकारी होता है। अतः हमें किसी को बंधक बनाकर, उसे उसके परिजनों से दूर नहीं करना चाहिए।



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