Vimla Jain

Children Stories Inspirational

4.3  

Vimla Jain

Children Stories Inspirational

और खुद से प्यार हो गया

और खुद से प्यार हो गया

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जब हम छोटे थे।बहुत शरारत करते थे।कभी अपने आप को बहुत अच्छे नजरिए से नहीं देखते थे।दूसरे के गुण ज्यादा लगते थे, अपने गुण कम लगते थे ।

कभी अपनी आवाज सुरीली नहीं लगती।कभी अपनी हेल्थ ज्यादा लगती। हमेशा कुछ ना कुछ कमी ही दिखती ।मगर इसी बीच दोस्ती हुई रेखा से बहुत ही प्यारी लड़की थी ।वह मेरे पास आई बोली "विमला तुम बहुत अच्छी हो, मुझे तुम बहुत पसंद हो।तुम्हारी हर बात बहुत अच्छी लगती है।तुम्हारा स्वभाव बहुत अच्छा हैतुम हमेशा सच बोलती होदोस्तों के लिए दूसरे से लड़ जाती हो."

,मैंने उसको बोला तुम मेरे को झूठ तो नहीं बोल रही?"

वह बोली नहीं "तू अपना नजरिया बदल कर देख अपनी तरफ। तू बहुत अच्छी है और मैंने अपने गुणों को देखा । अवगुणों को नजरअंदाज किया और अपने आप से प्यार करना सीख लिया और उसी दिन से मुझे खुद से प्यार हो गया । अभी तक भी मैं अपने आप को सबसे ऊपर रखती हूं खुद से प्यार करती हूं जब हम खुद से प्यार करते हैं तभी लोग हमारी भी इज्जत करते हैं। ऐसा मेरा मानना है वे प्रार्थना गाना है ना हमको मन की शक्ति देना मन विजय करें दूसरों की जय से पहले खुद की जय करें तो मैंने खुद की जय करना सीख लिया है.



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