अनजान पते से आयाहस्तलिखित खत
अनजान पते से आयाहस्तलिखित खत
कभी कभी जिंदगी में ऐसा भी घटित होता है जिसका आपने सोचा नहीं होता है कुछ जाने पहचाने लोग जब अपने से दूर हो जाते हैं तब कहीं ना कहीं उनको ढूंढने की कोशिश कामयाब होती दिखती है ऐसा ही मेरे साथ हुआ एक हस्तलिखित पत्र द्वारा बहुत साल पहले की बात है। मेरी एक दोस्त की मम्मी की डेथ हो गई थी ,तो मैंने उसको उसका एड्रेस ढूंढ करके एक पत्र लिखा था। उस समय तो उसका जवाब आ गया था। उसके बाद में बहुत साल निकल गए, और मैं भी भूल गई ,कि वह कहां रहती है।उसका एड्रेस वगैरह सब और वह भी अपनी लाइफ में बिजी होगयी। फिर मैंने सोचा कि इतनी अच्छी दोस्त थी। पता लगाती हूं कहां है, पर मेरे को पता नहीं लगा।
ऐसे ही एक दिन मैं बैठी थी ।एक अनजान पते से बड़ा लंबा चौड़ा हाथ से लिखा हुआ खत मिला जिस पर खाली मेरा नाम लिखा था। और एड्रेस लिखा था एड्रेस भी पूरा नहीं खाली हॉस्पिटल का नाम लिखा था।
पत्र मेरे पास आया, मैंने उसको उलट पलट कर देखा, किसका पत्र है ।कुछ समझ में नहीं आ रहा था। उस जमाने में लेटर बम, और ऐसा बहुत चल रहा था। बड़ा कुतूहल भी हो रहा था। किसका पत्र होगा, बार-बार में उलट पलट कर देख रही थी ।खोलने जाती हूं ,सब लड़ने लगते हैं। पता नहीं किसका पत्र है, अंदर क्या है, इतना मोटा सारा है ,मत खोलो ।
ऐसा तो कैसे हो सकता है, कि खोला ना जाए। सब तरह से दबा कर देख लिया, सब करके खोलना तो पड़ेगा । फिर उसको बड़ी सावधानी से भगवान का नाम लेते लेते खोला तो अंदर से 10 पेज का एक लेटर निकला। पढ़ने की तो किसको चाहत, मैंने सबसे पहले लास्ट का पेज खोला। और फिर उस पर नाम लिखा वह पढाऔर मेरे मुंह पर एकदम हंसी आ गई ,और बहुत खुशी हुई, कि वह मेरी उस पुराने दोस्त का पत्र था। इसे मैंने 20 साल पहले पत्र लिखा था, उसकी मॉम की डेथ पर ।
और उसका आज वापस पत्र मिला, उसने लिखा कि वह सामान शिफ्ट कर रही थी। तो उसे मेरा पत्र मिला उसने वापस देखा उसको, और उसकी कॉलेज काल की यादें जाग गई। और उसने मुझे पत्र लिखा ,सारी अपनी फीलिंग्स लिखी ,फिर एड्रेस नहीं था। तो खाली मेरा नाम और हॉस्पिटल और जगह के नाम लिखकर उस पर उसने डाल दिया और भाग्य का खेल देखिए पत्र मेरे पास पहुंच भी गया ,बहुत रोमांच हुआ, और बहुत अच्छा लगा। अनजान पते से आया हुआ जाना पहचाना पत् फिर तो घर वाले सब, बच्चे भी सब कि मासी का पत्र आया ,और उसको बम समझ लिया और उन्होंने मेरी बहुत मजाक बनाई।
आज तो है मेरी ग्रुप में शामिल बहुत अच्छी हर सप्ताह बात करने वाली दोस्त हो गई है मासी बच्चों की जब भी बात करो तो बच्चे बोलते हैं वह मासी ना जिन्होंने खाली नाम और हॉस्पिटल का नाम लिख करके आपको पत्र भेजा था फिर भी वह मिल गया था अनजान पते पर आया हुआ पत्र सच बहुत अच्छा लगता है जब किसी अपने का पत्र के हाथ से लिखे हुए और उसकी फीलिंग अपने को पता लगती है ऐसा लगता है जैसे सामने बैठ कर बात कर रहे हैं कि वह हमारे बारे में कितना अच्छा सोचता है कितना सोचता है मैं कितनी खुशनसीब हूं कि मेरी सभी दोस्त बहुत अच्छी एक दूसरे की मदद करने वाली एक दूसरे से प्यार करनेेे निस्वार्थ भाव से एक दूसरे सेेेे परवाह करने वाले हैं.
