आम का पेड़
आम का पेड़
नन्हें पौधे का बहुत ध्यान रखना पड़ता है।रोज पानी डालना जरूरी है ताकि वह पौधा स्वस्थ रहे और वृद्धि करे।नमन को पेड़ पौधों से बहुत लगाव था।वह हमेशा जगह देखकर पौधे लगाया करता था। इस बार उसने आम की गुठली को जमीन में दबा दिया।जब बारिश की बूँदे गिरी तब उसमें नन्हा पौधा निकल आया।नमन यह देख बहुत खुश हुआ।वह उस पौधे का बहुत ध्यान रखता।उसकी देखभाल से वह पौधा तेजी से बढ़ने लगा।
पाँच छह साल में ही वह पौधा पेड़ बन गया।नमन के लिये आम का पेड़ बहुत खास था।
बसंत ऋतु में उसमें बौर आने लग गए, ये देख नमन खुशी से झूम उठा। पहले भी उसने कई पेड़ लगाए थे पर आम का पेड़ पहली बार लगाया था। अब वह उसमें फल लगने का इंतज़ार करने लगा।कुछ दिनों में उसमें छोटे छोटे आम फलने लगे।वह रोज उन फलों को देखता था।अब तो उसमें कोयल और दूसरी चिड़िया भी आने लगी थी।सुबह सुबह कोयल की कूक सुनकर उसकी नींद खुलती थी, फिर सबसे पहले आम के पेड़ के पास जाता।
आम अब पीले पीले दिखने लगे, उसके पकने का समय हो गया था।जब आम पककर नीचे गिरा तो नमन उसे हाथ में लेकर निहारने लगा।उसकी मीठी ख़ुशबू उसके मन को खुशी से भर रही थी और उसके मीठे स्वाद ने उसकी खुशी दुगुनी कर दी।
