हिंदी को उसका सम्मान वापस दिलाये आने वाले नौनिहालों को बाइज्ज़त हिंदी पढ़ायें !
तुम्हारा इस दुनिया से जाना, हज़ारों ख़्वाहिशें को विराम दे गया!
हे बेटों मत करो दहेज़ उत्पीड़न होती बहुओं को बहुत ही पीडन!
जब भी राष्ट्रीय गान हो ध्वज के सम्मान में तुमको खड़ा हो जाना चाहिए!
वह मंदिर की और दौड़ पड़ाऔर आग की लपटों में कूद कर।
अभी पूरी तरह अण्डे से बाहर आई नहीं और चलीं हैं राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने?”