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Neeraj Agarwal

Children Stories Drama Fantasy

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Neeraj Agarwal

Children Stories Drama Fantasy

राज और रहस्य

राज और रहस्य

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एक समय की बात थी। एक गांव में एक पीपल का वृक्ष था। और गांव के सभी लोग रात में वहाँ आने जाने से डरते थे। और उसी गांव में एक विद्यालय था और उसमें एक अध्यापक थे जो प्रतिदिन शहर से गांव के बच्चों को पढ़ाने आते थे। 

     एक दिन उन्हें विद्यालय में काम के करण देर हो गयी जब वह जाने लगे तब विद्यालय के अन्य कर्मचारियों ने कहा कि वह अब न जाए। तब उन्होंने पूछा तब गांव के रास्ते में पीपल के पेड़ के भूत और चुड़ैल की के बारे में बताया। तब अध्यापक जी ने पूछा किस किस ने भूत व चुड़ैल देखी है तब सभी शांत रहे। तब अध्यापक जी ने कहा चलो आज उस भूत या चुड़ैल से मिलते हैं बताओ कौन कौन मेरे साथ चलेगा । तब सभी ने मना कर दिया तब विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों ने कहा हम आपके साथ चलेंगे। 

   तब अध्यापक ने कहा मैं आगे चलता हूँ आप सभी अपने साथ माचिस और मिलें और लाठियाँ ले लो। अगर कोई ऐसी डर या भूत चुड़ैल दिखे तब तुम मशाल जलाकर आना जब मैं तुम्हें इशारा दूँ। तब सभी ऐसी सोच बनाकर चल दिए। और जब वह पीपल के पास पहुंचने वाले थे। तब तरह तरह की आवाजें और संगीत बजने लगा। अध्यापक शहर के रहने वाले थे। वह समझ गये कि यह सब राज रहस्य गांव वालों को डराने और अव्यवस्था के लिए है। तब अध्यापक जी ने कहा सभी मशाल जलाओ और आगे बढ़ो जब अध्यापक जी ने ऐसा कहा तब उसी गांव के कुछ लोग भागने लगे जिन्हें अध्यापक जी ने पहचान लिया बस फिर उन्होंने अध्यापक जी को सच बताया कि आज महंगाई में धन के लालच में रात में आने जाने वालों का धन और मान लूटकर मौज करते थे। तब अध्यापक जी ने उनसे सही काम करने का वादा और मेहनत मजदूरी से काम करके जीवन यापन का वचन लिया। इस तरह उस पीपल के वृक्ष का राज या रहस्य समाप्त हो गया। 


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