उन्होंने कहा कि देश की सेवा करना मेरा लक्ष्य है
उसके बिखरे बालों को चेहरे से हटाते हुए प्रेम पगे स्वर मे बोले"रुक्मि कितनी सुन्दर हो तु
अस्पताल के बिस्तर में पड़ी सासू मां का मन आत्मग्लानि से भर उठा।
काँधें पर सिर को टिका दिया और किसी नन्हें शिशु की भाँति बिलखकर रोने लगे।
उसकी बात सुनकर सब मौन हो गए, अपने जीवन पर शर्मिंदा और कमरे में सन्नाटा छा गया।
नैना की तबियत दिन ब दिन खराब होती जा रही थी, नैना को खुद समझ में नहीं आ रहा था कि क्या