दिन में नरेश साधारण इंसान की तरह रहता, मगर रात में जब वह पीकर आता तो पूरी तरह से जानवर बन जाता।
आज जो अफ़सोस तुम्हें हो रहा है कम से कम मुझे नहीं है कि मैंने वादा निभाया और देखो ना आज जब तुम्हें मेरी ज़रूरत महसूस हुई...
कहकर ईश्वर चंद्र बिस्तर पर लेट कर गहरी सांसें लेने लगे- -------' बाबा ऽऽऽऽऽ कहते हुए सब उनकी ओर दौड़ पड़े।
रात को देर से आने के लिए मना करने पर सुहास गुस्सा हो गया और गाँव चला गया, मना करने पर भी बाइक ले ली और एक दिन उसका एक्सी...
मन चीख-चीख के कह रहा था " किसी को भी चाहने की तुझे इजाज़त नहीं..इजाज़त नहीं..।
रास्ते में मन ही मन बस यही गाती रही, ' मेरा सनम सबसे प्यारा है, सबसे प्यारा है !'