एक दिन के दो अनजाने आज दो जिस्म एक जान हो गये।
लेखक: निकोलाय नोसोव अनु.: आ. चारुमति रामदास
तो फिर आओ ले ले हम एक पाउट वाली प्यारी सी सेल्फी।
यह कथा "संगम साहित्य" पाँच तमिल महाकाव्य में से एक है। इसकी रचना ईसा.पु.300 से 600 में हुई। यह साहित्य अब नष्ट हो चुका ह...
अंजलि अपनी स्कूटी लेकर चल पड़ती है और अपना हाथ बार बार गालों पर कर रही है जहाँ जहाँ सोनू ने चूटी काटी थी
क्लास से निकलते हुए तुषार को तसल्ली थी कि उसने आज बच्चों को कुछ सिखाया था।