इसलिए मैं अपने लिए कुछ भी नहीं कर पा रही हूं।"
बिजली की लाइन इसी सड़क के सहारे २ चलती है, जो घर की छत से डेढ़ से २ फीट की दूरी पर है, घर की छत के चारों ओर की मुंडेर
वह ध्वनि मकान के नीचे वाले दायें भाग से आई थी। ध्वनि बड़ी थी, जैसे कोई भारी वस्तु ऊँचाई से धरती पर गिरी हो।
उस समय का सोचने पर सब बड़ा साफ साफ दिखता है।
कई लोग ऐसे है जिनके पास ना कोई नियमित काम है और ना स्थायी घर।