हमारे इर्द-गिर्द साहित्य की भीड़ है। हम किन का अनुसरण करें। या किस शिखर बिंदु को छुएँ
अनोखी को बड़ा क्षोभ हुआ की उसके माता-पिता ने उसे इतना पराया कर दिया
यही मेरा मान है..यही मेरा अभिमान है।
सदा से जीजी को बेटे जन्म देने पर गर्व रहा,पर बुढ़ापे में जब बेटों और बहुओं ने उसे प्रताड़ित किया तब जाकर उन्होंने अपनी ...
आप भी हमें तुम बुला सकती हो, अगर दोस्त मानती हो तो।
राहुल अब तो मनीषा बिजनेस वुमन बन गयी है, तुम्हें बुरा नहीं लगता