स्कूल के फुटबॉल मैच में वह अव्वल रहता।
हमारे आस पास फैली भुखमरी और गरीबी देखकर द्रवित होती नायिका की कथा
और फिर वो हल्की मुस्कान लिए रद्दी वाला, रद्दी वाला...की आवाज़ लगता दूर कहीं गलियों में गुम हो जाता है।
सोचता रहा कि उम्र के इस दौर में उसे इस मौसम में ऐसा काम करने की क्या जरूरत थी। क्या उसका कोई अपना नहीं था जो उसको संभाल...
मुन्नी ने चिंतित होकर कहा-अब मजूरी करके मालगुजारी भरनी पड़ेगी। हल्कू ने प्रसन्न मुख से कहा-रात की ठंड में यहाँ सोना न प...
गोरा झटपट भीतर गया और कराहते हुए हड्डियों के ढाचे को बाहर खींच लाया। वह जर्जर व्यक्ति कोई और नहीं गोमती का पीटीआई था। .....