धीरे धीरे उसके परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई। धीरे धीरे उसके परिवार के सभी सदस्यों की मृत्यु हो गई।
दामोदर अपने बीवी-बच्चों के संग राजी-खुशी अपने घर चले गए। उनका उजड़ा हुआ घर फिर से बस गया। दामोदर अपने बीवी-बच्चों के संग राजी-खुशी अपने घर चले गए। उनका उजड़ा हुआ घर फिर ...
मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। मैंने इस विषय मेल भी... मैं कुछ व्यक्तिगत कारणों से अपनी रचनाएँ Story Mirror से डिलीट करवाना चाहता हूँ। ...
अब रो क्यों रही हो ? तुम्हीं ने तो निमंत्रण भेजा था... कि आओ बैल जी ! मुझे मारो। " अब रो क्यों रही हो ? तुम्हीं ने तो निमंत्रण भेजा था... कि आओ बैल जी ! मुझे मारो।...
अपनी ख्वाहिशों में से थोड़े पैसे निकाल कर अपने समाज मे मौजूद गरीब और बेसहारों की मदद नहीं अपनी ख्वाहिशों में से थोड़े पैसे निकाल कर अपने समाज मे मौजूद गरीब और बेसहारों की ...
.....नहीं चाहिऐ मुझे तुम्हारी ये हमदर्दी। मुझे अब जीवन में सिर्फ़ अपने उजाले चाहिऐ, लौटा सकते हो मेरी... .....नहीं चाहिऐ मुझे तुम्हारी ये हमदर्दी। मुझे अब जीवन में सिर्फ़ अपने उजाले चाहि...