पर कोरोना कुछ मेरी ही तरह का ढीठ निकला, जाकर ही न दे रहा। ।
महामारियाँ हों या युद्ध, भूकंप हो या ज्वालामुखी, प्रकृति समय समय पर मानव को अपनी शक्ति
दूसरे चरण को लोकल ट्रांसमिशन स्टेज कहते हैं ।
मानवता की रक्षा के लिए एक योद्धा बन जाती है, कोरोना वॉरियर बन जाती है।
इसलिए, ईश्वर का धन्यवाद कीजिए कि हम आज भी जीवित हैं।
आज कल शेर चीता नीलगाय बंदर सांभर इत्यादि जानवर शहर की सड़को पर दिख रहे हैं...