यहां इस व्यक्ति पर भगवान के अवतार होने का आरोप है। उसे तो लोग ईश्वर ही मानते हैं।
जब तू ही यहाँ महफूज़ नहीं तो भला हमारी औकात ही क्या है..!!
जिंदगी जीने के लिए बहाने की जरूरत होती है ।
अब हाल फिलहाल मुझे पुनर्जन्म नहीं चाहिए। थोड़े दिन मुझे ताराबाई की मृत्यु का सुख भोगने
बाई आप कुछ अनमनी रहने लगी थी ।पदमा , नये मोहल्ले वाले घर आकर। .
जिंदगी मिलती नही दोबारा इसलिए इसे प्यार से हँसकर हर पल हर घड़ी जीते है.किस्मत का लिखा कोई मिटा नही सकता