आज की रात हमारे उन वादों को निभाने वाली प्रेम रात है। इस संसार को दिखाने वाली प्रेम रात है कि बिना जिस्म के भी प्रेम हो...
अगले दिन पिंकी की लाश एक पेड़ पर लटकती हुई मिलती है और दोनों अपनी दुनिया में खुश नजर आते हैं।
वाह क्या हसीन मौत आई है गुनाहों की हुई विदाई है मर चुका था कब का जमीर ...
मौत से भी कोई जीत पाया है और ऐसा कौन है जो मौत चाहता है। सब यही रहना चाहते है पर मौत प्रकृति का नियम है। जो आया है तो तो...
अमर आंखें मलता हुआ बिस्तर से उठ गया।
वाणी दनदनाते कमरे में जा कर बजरंग से पूछती है "मुस्सदी क्यों आया था?" "तुझे मालूम है कि वह किस काम से आता है।" "इस...