एकदम एक दूसरे में लगभग खोके वह मदहोशी के आलम में डूब रहे थे।
अब तक मीना दो बेटियो की माँ बन चुकी थी, जिसकी वजह से मीना की
एक युवती की ट्रेन में अकेले यात्रा का वर्णन, उसके साथ एक रहस्यमयी अजनबी के साथ का भी वर्णन इस कथा में किया गया है।
विवाह एक ऐसा बंधन जिसमें दो कब एक हो जाते हैं ये उन दोनों को भी पता नहीं चलता। ...
"कभी कभी एक ख्वाब का मुकम्मल होना भी इस जिंदगी को मंजूर नहीं होता।"
क्या हम कभी मिलेंगे या नहीं।