देखो, आज की बारिश उसे फिर गिली कर गई देखो, आज की बारिश उसे फिर गिली कर गई
माँ के लड़खड़ाते अक्षरों में! पर प्रेम अथाह था, माँ के लड़खड़ाते अक्षरों में! पर प्रेम अथाह था,